जन सुनवाई से आमजन को राहत नही, केवल पावती तक सीमित

नवभारत न्यूज

रीवा, 5 नवम्बर, आम जन की समस्या के निराकरण के लिये सरकार ने जन सुनवाई शुरू की. जहा कलेक्टर जैसे आला अधिकारी शिकायत सुनते है और इसके निराकरण के निर्देश देते है.

इस समय जन सुनवाई में शिकायत का निराकरण नही होता केवल हाथ में पावती मिलती है और इसको लेकर शिकायतकर्ता कार्यालय से कार्यालय का चक्कर काटते रहते है. जन सुनवाई महज एक कागजी कोरमपूर्ति तक सीमित रह गई है और अब यह अधिकारियों के लिये बोझ बनती जा रही है. मंगलवार को कलेक्टर और अपर कलेक्टर ने सुनवाई की, जिसमें 73 शिकायते पहुंची. सात दिवस के अंदर शिकायतो का निराकरण कर प्रतिवेदन मगाया जाता है, लेकिन न तो निराकरण होता और न ही प्रतिवेदन पहुंचता. सबसे ज्यादा मामले राजस्व के सीएम हेल्प लाइन में पहुंचते है. मंगलवार को भी सडक़, पुल निर्माण के अलावा जमीन का नक्शा सुधार, इस्तलाबी जैसे मामले पहुंचे थे. जन सुनवाई में पंचायत द्वारा निर्माण कार्यों में अनियमितता, मजदूरी भुगतान, उपचार सहायता, भालू के हमले से घायल होने पर आर्थिक सहायता, बिजली बिलों में सुधार सहित विभिन्न विभागों से जुड़े आवेदनों में सुनवाई की गई. निराकरण न होने के कारण आमजन कलेक्ट्रेट नही पहुंचते है जिसके कारण अब उनका मोह भंग हो चुका है केवल जन सुनवाई के नाम पर खानापूर्ति होती है.

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