जबलपुर। नॉर्दन कोलफील्ड लिमिटेड के द्वारा नियमों को पालन नहीं करते हुए टेंडर आवंटित किये जाने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट जस्टिस एस ए धर्माधिकारी तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला ने पाया कि टेंडर प्रक्रिया में एनआईटी नियमों का पालन नहीं किया गया है। जनरल टर्म एंड कंडीशन के तहत टेंडर प्रदान किया गया है। युगलपीठ ने टेंडर को निरस्त करते हुए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने निर्देश दिये है।
याचिकाकर्ता मैहर सीमेंट पाइप इंडस्ट्रीज की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था नॉर्दन कोलफील्ड लिमिटेड ने सिंगरौली जिले में ईस्ट पुरेवा सीमा से निगाही तक कोयला की लोडिंग व परिवहन के लिए तीन साल के लिए टेंडर जारी किये थे। टेंडर के लिए ऑन लाइन निविदा आमंत्रित की गयी थी। टेंडर सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को प्रदान किया जाना था। याचिकाकर्ता तथा अनावेदक कंपनी कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर उडीसा ने टेंडर के लिए एक सामान्य 64, 06, 56, 525. 60 रुपये की बोली लगाई थी।
याचिका में कहा गया था कि एनआईटी नियमों के अनुसार सामान्य बोली लगाये जाने पर संबंधित कंपनियों से रिवर्स बोली आमंत्रित करना था। रिवर्स बोली में जिसकी राशि कम होती उस कंपनी को टेंडर जारी किये जाने थे। इसके लिए प्रबंधन ने जनरल टर्म एंड कंडीशन के आधार पर याचिकाकर्ता की अनुस्थिति में लॉटरी सिस्टम से अनावेदक कंपनी के पक्ष में टेंडर जारी कर दिये।
याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संजय के अग्रवाल तथा अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने युगलपीठ ने बताया कि टेंडर में गड़बड़ी करने के मामले में सीबीआई ने भी नॉर्दन कोलफील्ड के कार्यालय में दबिश दी थी। वर्तमान मामले में टेंडर में उल्लेखित शर्तो का पालन नहीं किया गया है। निर्धारित शर्तों में रिवर्स बोली का प्रावधान का उल्लेख किया गया था। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद स्वीकृत टेंडर को निरस्त करते हुए निर्धारित एनआईटी शर्तो के अनुसार रिवर्स बोली के लिए टेंडर कराने के आदेश जारी किये है।