शहडोल। जिले में जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट की चपेट में आने से दो सगे भाइयों की मौत हो गई है। यह घटना ब्यौहारी के खड्डा गांव के लोढ़ा धार नाले के पास हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने करंट के तार जब्त करते हुए मर्ग कायम कर लिया है।
बताया गया है कि ब्यौहारी के खड्डा गांव के रहने वाले दो सगे भाई अपने खेत से घर लौट रहे थे। रास्ते में जंगल में लोढ़ा धार नाले के पास जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट की चपेट में दोनों भाई आ गए। बड़े भाई कैलाश को करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छोटू को गंभीर रूप से घायल होने पर स्थानीय लोगों ने उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां शनिवार सुबह उसकी भी मौत हो गई। घटना की जानकारी लगने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस के अनुसार, जिस करंट की चपेट में आने से दोनों भाइयों की मौत हुई, वह जंगली जानवरों को मारने के लिए लगाया गया था। पुलिस ने बिजली के तार जब्त किए हैं। थाना प्रभारी अरुण पांडे का कहना है कि दोनों भाइयों की मौत के मामले में मर्ग कायम कर विवेचना की जा रही है। करंट किसने लगाया है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है, मामले की जांच जारी है। दअरसल, जिले की सीमा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और संजय गांधी टाइगर रिजर्व से जुड़ी होने की वजह से यहां जंगली जानवरों का आना-जाना बना रहता है। शिकार के लिए आए दिन जंगलों में करंट लगाया जाता है। एक माह के भीतर जंगल में जंगली जानवरों के लिए लगाए गए करंट की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो चुकी है। पहली घटना गोहपारू थाना क्षेत्र के उमरिया गांव में हुई थी, इसके बाद देवलौंद थाना क्षेत्र में भी एक युवक जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए करंट में फंस गया और उसकी मौत हो गई। युवक के शव को छिपाने के लिए पत्थरो से बांधकर आरोपियों ने नदी में फेंक दिया था। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अब ब्यौहारी में दो सगे भाइयों की मौत ने वन विभाग के अधिकारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आए दिन जंगल में शिकार के लिए शिकारी करंट लगा रहे हैं और वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।