शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भी उमड़ेगी भीड़
झाबुआ। 1 नवंबर की शाम 4 बजे से आजाद चौक के समीप श्री गौवर्धननाथ मंदिर परिसर में गाय-गौहरी पर्व मनाया जाएगा। पर्व को देखने के लिए शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भारी भीड़ उमड़ेगी। इस दिन ग्वाले एवं ग्रामीणजन गौ-माताओं को सजाकर लाएंगे और मन्नतधारियों ने ऊपर से गौ-माताओं को निकालकर मन्नते पूरी करने के साथ पीछे वैष्णवजनों एवं भक्तजनों द्वारा मंदिर की 7 परिक्रमा की जाएगी। गाय-गौहरी पर्व वर्षों से श्री गौवर्धननाथ मंदिर के बाहर मनाया जा रहा है। श्री गौवर्धननाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा 31 अक्टूबर को दीपावली पर्व मनाए जाने एवं 1 नवंबर को गाय-गौहरी पर्व आयोजित करने की सूचना जारी की गई है। जिसके अनुसार 1 नवंबर शाम 4 बजे से यह पर्व आयोजित होगा। दोपहर 2 बजे से शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भीड़ आयोजन स्थल पर जुटना शुरू हो जाएगी। ग्रामीण और ग्वाले गौ-माताओं को सजाकर लाएंगे। जिन्हें मन्नतधारियों के ऊपर से निकाला जाएगा। पीछे वैष्णव समाजजनों एवं भक्तजनों द्वारा भजन-किर्तन करते हुए मंदिर की 7 बार परिक्रमा लगाई जाएगी। बाद गौ-माताओं को लाने वाले ग्वालों के सम्मान करने की भी परंपरा है। वैष्णवजनों एवं भक्तजनों द्वारा मंदिर में भगवान के दर्शन पश्चात् यह आयोजन पूर्ण होगा।
हवेली में दीपावली पर सजेंगे ठाकुरजी
श्री गौवर्धननाथजी की हवेली में दीपावली पर्व उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। 31 अक्टूबर को ठाकुरजी का अभिषेक एवं विशेष श्रृंगार के साथ पूरे मंदिर पर दीपमाला एवं दीपकों से सज्जा की जाएगी। 1 नवंबर को श्री गौवर्धन-पूजा का आयोजन होगा। मंदिर से जुड़े युवा कान्हा अरोड़ा ने बताया कि 31 अक्टूबर को प्रातःकाल रूप चतुर्दशी पर ठाकुरजी के मंगला दर्शन पश्चात् अभ्यंग एवं उपटन करवाया जाएगा। तत्पश्चात् ठाकुरजी का अभिषेक एवं भगवान को नए वस्त्र धारण कर आभूषणों से सजाया जाएगा। उत्सव के रूप में भगवान का सुंदर श्रृंगार बाद 10.30 बजे राजभोग दर्शन में दीपावली की विशेष तिलक आरती होगी। संध्याकाल साढ़े 6.30 बजे दीपमाला एवं दीपकों से श्री गौवर्धनाथजी की हवेली को सुसज्जित कर मंदिर कार्यालय में महालक्ष्मी की पूजन की जाएगी। सांयकाल 7 बजे ठाकुरजी की हठड़ी (हाट) के दर्शन होंगे। पश्चात् गौकर्ण जागरण (गौवर्धन पूजन हेतु गौ-माताओं को न्यौता) दिया जाएगा।
गौवर्धन पर्वत बनाकर आरती की जाएगी
1 नवंबर को सुबह 10.30 बजे मंदिर परिसर मंे गौवर्धन पूजा होगी। गौवर्धन पर्वत बनाकर दूध, पंचामृत से अभिषेक कर दूध-दीप आदि किया जाएगा। पश्चात् आरती पर परिक्रमा लगाई जाएगी। शाम 4 बजे मंदिर परिसर में गाय-गौहरी पर्व का आयोजन होगा। सांयकाल 6 बजे मंदिर में अन्नकूट के दर्शन होंगे। जिसमें बड़ी संख्या में वैष्णव समाज एवं भक्तजन उपस्थित रहेंगे। 3 नवंबर को यम द्वितीया (भाईदूज पर्व) मनाया जाएगा। उक्त सभी उत्सव एवं आयोजन प्रधान पीठ नाथद्वारा के निर्देशानुसार किए जाएंगे।
रंगों और फूदों की दुकानों पर रहीं भीड़
गाय-गौहरी पर्व को लेकर पिछले एक सप्ताह से बाजार में सजावट सामग्रियों की दुकाने सजी हुई है। जिसमें गौ-माताओं को सजाने के लिए मोर पंखों, फूंदों के साथ रंगों की दुकानों पर ग्रामीणजन खरीदी करते देखे जा रहे है। गौवर्धन-पूजा के दिन गौ-माताओं को ग्वालों एवं ग्रामीणजनों द्वारा सजाने का विशेष महत्व होता है। इस दिन गौशालाओं में भी गौ-माताओं की पूजन एवं गौ-आहार आदि भी करवाया जाता है।
30 झाबुआ- 1- बाजार में सजी मोर-पंखों और फूंदों की दुुकाने
30 झाबुआ-2- गौरर्धननाथजी की हवेली