एक्सपर्ट की गोपनीय जांच के साथ कार्रवाई प्रतिवेदन बना
जबलपुर। तिलवारा थाना क्षेत्रान्तर्गत निर्माणाधीन वेलकम आईटीसी होटल में पांच अक्टूबर को गैस पाईप लाईन की टैस्टिंग के दौरान हुए विस्फोट और आग लगने से एक महिला की मौत, आठ लोगों के घायल होने के मामले में प्रशासकीय जाँच समिति के सदस्यों ने अपनी गोपनीय जांच तैयार कर ली गई। ब्लॉस्ट कांड की रिपोर्ट शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में कलेक्टर दीपक सक्सेना के सामने पेश की गई। इसके साथ ही एक्सपर्ट टीम ने लंबी जांच पड़ताल, साक्ष्य जुटाने के बाद अब हादसा कैसे हुआ, चूक के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों, संस्थाओं की भूमिका समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच के बाद कार्रवाई प्रतिवेदन भी बनाया जिसे भी प्रस्तुत किया गया है।
विदित हो कि तिलवारा के बरगी हिल्स में होटल वेलकम की ओपनिंग के पहले गैस पाईप लाईन की टेस्टिंग के दौरान शनिवार को शाम करीब चार बजे जबरदस्त ब्लॉस्ट हो गया था। हादसे में जागृति भवसेर पिता भवसेन लिब्बू राउंडल 22 वर्ष निवासी पोस्ट कलवाल जिला नासिक महाराष्ट्र की मौत हुई थी। जबकि अभिषेक सिंह नेगी, श्याम सिंह,भूपेन्द्र कुमार, अनिल कुमार, सोहम भवगिरिया, पुनित सिंह, नित्यानंद, सोनम घायल हुई थी। मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जांच कमेटी में गठित की, इसमें एसडीएम, सीएसपी गढ़ा, नगर निगम के अतिरिक्त कमिश्नर, नगर निगम के फायर ऑफीसर, औद्योगिक, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के उपसंचालक, पीआईयू के कार्यपालन अभियंता, इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड जबलपुर, गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल किया था।
लापरवाही उजागर, गिरेगी कार्यवाही की गाज
गोपनीय रिपोर्ट और कार्रवाई प्रतिवेदन पर प्रशासनिक अधिकारी मंथन करने के बाद कार्रवाई तय करेगे। इसके बाद हादसे से संबंधित जिम्मेदारों पर कार्यवाही की गाज गिरेगी। प्रशासनिक सूत्र बताते है कि जांच के दौरान मामले में लापरवाही उजागर हुई है जिसके चलते यह हादसा हुआ है।
7 दिन तय, लगे 18 दिन
कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा सात अक्टूबर को कमेटी गठित करते हुए जांच के आदेश जारी किए थे इसके साथ ही टीम को एक सप्ताह के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने कहा गया यानी सोमवार 14 अक्टूबर को एक सप्ताह पूरे हो गए परंतु कार्रवाई प्रतिवेदन तैयार नहीं हुआ पाया जिसके चलते रिपोर्ट पेश नहीं हो पाई थी। जिसके पीछे त्योहार के चलते रिपोर्ट तैयार होने में देरी होने की बात भी सामने आई, इसके अलावा कुछ अधिकारियों के जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर होना बाकी थी जो शहर से बाहर थे जिसके चलते कार्यवाही प्रतिवेदन तैयार करने में देरी हुई है। हालांकि अब आगे की कार्यवाही पर सबकी नजर टिकी हुई है।