० बड़े होटलों के कारखानों में टीम ने बारीकी से की जांच, त्यौहार में मिलावटखोर व्यवसायियों में मचा हडकम्प
नवभारत न्यूज
सीधी 25 अक्टूबर। कलेक्टर सीधी स्वरोचिष सोमवंशी के निर्देश पर संयुक्त टीम द्वारा शहर के होटलों एवं डेयरी में लगातार छापामार कार्यवाही करते हुए सेम्पल लिए जा रहे हैं। संयुक्त टीम द्वारा इसी तारतम्य में न्यू बस स्टैण्ड तिराहा क्षेत्र में दबिश कार्यवाही की गई। यहां संचालित दो बड़े होटलों की जांच-पड़ताल करने के साथ ही कारखानों की जांच भी करने के लिए टीम मौके पर पहुंची।
टीम द्वारा कारखानों में तैयार हो रही मिठाइयों को कैसे बनाया जाता है और उसमें क्या सामग्री मिलाई जा रही है उसका बारीकी के साथ जायजा लिया गया। टीम को कुछ मिठाइयों के अपमिश्रित होने की आशंका पर उनके सेम्पल राज्य स्तरीय प्रयोगशाला भोपाल में जांच कराने के लिए लिए गए। भानु काम्प्लेक्स में संचालित श्री राजस्थान मिष्ठान भंडार के कारखाने से मगज लड्डू, चमचम, कुंदा खोवा, काजू कतली, सोन पापड़ी के नमूने प्रयोगशाला जांच के लिए लिए गए। इसी तरह साधू श्री काम्प्लेक्स में संचालित जयश्री राजस्थान मिष्ठान भंडार के कारखाने से खोवा, पेंड़ा, मगज लड्डू, चमचम, काजू कतली के नमूने जांच के लिए गए। कलेक्टर द्वारा गठित संयुक्त टीम में नगर पालिका सीधी, खाद्य विभाग, राजस्व के साथ ही खाद्य औषधि प्रशासन विभाग का अमला शामिल है।
टीम द्वारा दीपावली के त्यौहार तक सीधी शहर में लगातार छापामार कार्यवाही करते हुए होटलों एवं डेयरी प्रतिष्ठानों में मौजूद सामग्री की जांच-पड़ताल की जा रही है। साथ ही यह भी हिदायत दी जा रही है कि यदि अपमिश्रित खाद्य सामग्री प्रयोगशाला जांच में पाई गई तो संबंधित कारोबारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित कराने के लिए मामला पंजीबद्ध कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जावेगा। टीम द्वारा जिन बड़े प्रतिष्ठानों में अभी तक छापामार कार्यवाही करते हुए सेम्पलिंग की कार्यवाही की गई है वहां आने वाले दिनों में फिर से छापामार कार्यवाही की जा सकती है। जिससे त्यौहारी सीजन में किसी भी हाल में अपमिश्रित खाद्य सामग्री की बिक्री न की जा सके।
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महंगी मिठाइयों में ज्यादा मिलावट का अंदेशा
संयुक्त टीम द्वारा शहर के होटलों एवं डेयरी प्रतिष्ठानों में छापामार कार्यवाही इन दिनों लगातार की जा रही है। प्रारंभिक जांच के दौरान सबसे ज्यादा अपमिश्रित काजू कतली एवं मगज लड्डू नजर आए हैं। दरअसल काजू कतली की मिठाई बाजार में 800-1000 रुपए किलो की दर से बिक्री होती है। इस वजह से कारोबारियों द्वारा इसमें काफी मिलावट की जाती है। काजू का उपयोग नाममात्र के लिए किया जाता है। कुछ प्रतिष्ठानों में तो काजू के स्थान पर काजू सेंटेड केमिकल का उपयोग किया जाता है। जिससे स्वाद में काजू का एहसास हो लेकिन यह मिठाई सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होती है। इसी तरह मगज लड्डू में भी बेसन के स्थान पर अपमिश्रित पीला पाउडर का उपयोग किया जाता है।
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इनका कहना है
कलेक्टर के निर्देश पर गठित संयुक्त टीम द्वारा शहर के होटलों एवं डेयरी प्रतिष्ठानों की लगातार जांच की जा रही है। यहां से संदिग्ध खाद्य सामग्रियों के जांच नमूने राज्य स्तरीय प्रयोगशाला भोपाल में जांच के लिए लगातार भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट मिलने पर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी।
दिनेश लोधी
खाद्य सुरक्षा अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग सीधी
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