भोपाल, 22 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक आज यहां मंत्रालय में संपन्न हुयी, जिसमें मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश में वर्तमान में संचालित 12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन किये जाने का निर्णय लिया गया।
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का प्रावधान है। निर्णय अनुसार इन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के उन्नयन के बाद एक पद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं एक पद आंगनवाड़ी सहायिका का होगा। उन्नयित 25 आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एक पर्यवेक्षक के मान से कुल 476 पर्यवेक्षक के पद स्वीकृत किये गये। केन्द्र सरकार के निर्धारित मापदण्ड उन्नयित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर लागू होंगे।
मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्रों में उन्नयन किए जाने पर केन्द्रांश राशि रूपये 3401.90 लाख एवं राज्यांश राशि 17945.82 लाख होगा। इस प्रकार कुल राशि रूपये 21347.71 लाख अतिरिक्त वार्षिक व्यय भार आयेगा।मंत्रि-परिषद् द्वारा केन्द्र सरकार द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य अंतर्गत बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (संशोधित 2019) की धारा 4 एवं 6 के तहत पास्को एक्ट 2012 को प्रदेश के 55 जिलों में लागू किया गया है। योजना का उद्देश्य 18 वर्ष तक लैंगिक अपराध से पीड़ितों को पास्को एक्ट के अंतर्गत संरक्षण एवं भारत सरकार के निर्भया फण्ड से वितीय सहायता प्रदान करना एवं उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है। निर्भया फण्ड से प्रत्येक जिले को 10 लाख रूपये आवंटित किये जायेंगे। लैंगिक अपराध से पीड़ितों को सहायता के लिए जिले आवश्यकता के अनुसार राशि का उपयोग कर सकेंगे।
मंत्रि-परिषद ने लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में स्वीकृत कुल 454 स्वास्थ्य संस्थाओं में कुल 6388 नवीन पदों (5936 नियमित एवं 452 संविदा) के सृजन की स्वीकृति दी। इसके अतिरिक्त 1589 आउट सोर्सिंग एजेन्सी से कार्य पर रखे जाने की स्वीकृति भी दी गई। पदों के सृजन पर होने वाले वार्षिक अनुमानित व्यय राशि 351 करोड़ 17 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई। नवीन सृजित पदों का सृजन कर समस्त पदों को वर्ष 2024-25 में भरें जाने की स्वीकृति दी है।
मंत्रि-परिषद् द्वारा 1 जनवरी 2016 के पूर्व एवं 01/01/2016 को या इसके उपरांत सेवानिवृत्त विश्वविद्यालयीन पेंशनर्स (सेवानिवृत्त अधिकारी, शिक्षक एवं कर्मचारी) को वित्त विभाग के परिपत्र अनुसार सातवें वेतनमान के अनुरूप पेंशन देने की स्वीकृति दी गयी।