हाईकोर्ट ने याचिका निराकरण करते हुए दिये आदेष
जबलपुर। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि चार सप्ताह में छठे वेतनमान का लाभ देने पर विचार करें। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि सरकार निर्णय लेने के पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य और उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा लिए गए निर्णय पर गौर करेंगे।
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से दायर की गयी याचिका में मध्य प्रदेश वेतन संशोधन नियम, 2009 के नियम 9 को चुनौती दी गयी थी। जिसके अनुसार प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए एक समान तिथि निर्धारित की गई है। जिन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि 1 जनवरी से 31 जुलाई के बीच थी उन्हें इस लाभ 13 से 18 माह बाद प्रदान किया गया। याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार ने 19 मार्च 2012 को छठे वेतनमान के नियमों में संशोधन किया था। जिन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि 1 जनवरी से 31 जुलाई के बीच थी उन्हें इस लाभ 13 से 18 माह बाद प्रदान किया गया। मध्य प्रदेश वेतन संशोधन नियम, 2009 के नियम 9 उन सरकारी कर्मचारियों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि से वंचित कर रहा है, जनवरी और जून 2006 के बीच वेतन वृद्धि के लिए पात्र थे। जिसके कारण उन्हें वित्तीय नुकसान हो रहा है।
युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि सरकार इस संबंध में चार सप्ताह में निर्णय लेकर याचिकाकर्ताओं को अवगत करवाये। छत्तीसगढ़ राज्य और उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा लिए गए निर्णय पर गौर करेंगे। सरकार याचिकाकर्ताओं के पक्ष में निर्णय नहीं लेती है तो वह उचित फोरम के समक्ष उसे चुनौती देने स्वतंत्र है।