डीपी जलने के बाद से ही बिगडी व्यवस्था, शहर में पेयजल के लिए हाहाकार
शुजालपुर, 6 अप्रैल. शहर में जल संकट ने दस्तक दे दी और पेयजल के लिए नागरिक परेशान होने लगे है. गत सप्ताह फिल्टर प्लांट की डीपी खराब होने से व्यवस्था और भी गडबडा गई. शहर में जहां उपभोक्ताओं को दो दिवस छोडकर तीसरे दिन जल प्रदाय किया जा रहा था वह अंतराल बढक़र 6 दिन हो गया. नगर के अधिकांश हिस्सों में 6 दिनों से नलों में पानी नहीं आया. उपभोक्ताओं को सही सूचना नहीं मिलने के चलते दो दिनों से नल आने का इंतजार कर रहे है. पेयजल की व्यवस्था के लिए नागरिक भटकने को भी मजबूर है. नागरिक विभिन्न निजी साधनों से पानी को दूर दराज से परिवहन कर लाने को मजबूर है.
बता दे एक सप्ताह पूर्व जटाशंकर परिसर में फिल्टर प्लांट संचालित करने वाली डीपी खराब हो गई थी, यह डीपी दो दिवस में सहीं तो हो गई लेकिन जल प्रदाय की व्यवस्था पुरी तरह बिगड गई. सिटी क्षेत्र में शुक्रवार को छटे दिन पानी मिल सका तो मंडी क्षेत्र में 6 दिनों से नल नहीं आए है. पेयजल संकट की दस्तक के साथ ही शहर में पानी के टेंकरों की भी मांग बढ़ गई, अचानक मांग बढऩे से टेंकर संचालक भी समय पर उपभोक्ताओं की आपूर्ति नहीं कर पा रहे है. वर्तमान में लगभग 5 हजार लीटर क्षमता वाला टेंकर 300 रुपए में मिल रहा है.
अब हर चौथे दिन मिलेगा नलों से पानी
शहर की जल आपूर्ति करने वाली नेवज नदी में जल स्तर काफी नीचे जा चुका है. इसके चलते नगर में अब तीसरे दिन के स्थान पर चौथे दिन जल प्रदाय किए जाने का निर्णय लिया है. नागरिकों को चार दिनों में एक बार लगभग 40 मीनिट नलों से पानी मिल सकेगा. इतने क म पानी में चार दिनों तक पानी की व्यवस्था बनाए रखना संभव नहीं है, ऐसे में अधिकांश लोगों को परिवहन कर अथवा क्रय कर पानी की व्यवस्था करनी पड़ेगी. नेवज नदी में पानी चार हिस्सों में बट चुका है, बामन घाट के समीप नाली बनाकर पानी को एक स्थान पर एकत्रित किया जा रहा है, उधर दुमेल, राणोगंज पूल एवं रेलवे पूल के आसपास नदी में पानी मौजूद है, रेलवे पूल के समीप भरे पानी को सीधे मोटर के माध्यम से फिल्टर प्लांट पहुंचाया जा रहा है. नगर पालिका ने पूर्व में टेंकरों के लिए दरे आमंत्रित की थी, लेकिन किसी ने भी टेंडर डालने में रूचि नहीं दिखाई, इसके चलते नगर पालिका अभी निजी टेंकरों से भी पानी क्रय करने में असमर्थ है.