नयी दिल्ली 15 अक्टूबर (वार्ता) संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को यहां इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2024 में कहा कि सैटेलाइट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जाएगी, बल्कि प्रशासनिक रूप से आवंटित किया जाएगा।
श्री सिंधिया की यह टिप्पणी दूरसंचार उद्योग के नेताओं सुनील भारती मित्तल और मुकेश अंबानी के जवाब में आई है, जो सैटेलाइट कंपनियों से लाइसेंस शुल्क का भुगतान करने और दूरसंचार फर्मों के समान स्पेक्ट्रम खरीदने पर जोर दे रहे हैं।
श्री सिंधिया ने आश्वासन दिया कि यह आवंटन प्रक्रिया वैश्विक मानकों के अनुरूप है। मंत्री ने कहा,“सैटकॉम के लिए स्पेक्ट्रम साझा स्पेक्ट्रम है, और इसकी नीलामी नहीं की जा सकती। सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन दुनिया भर में किया जाता है।” उन्होंने कहा कि लागत पर कोई भी निर्णय भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित किया जाएगा।
भारती एयरटेल के प्रमुख श्री मित्तल ने आईएमसी 2024 में कहा कि सैटेलाइट कंपनियों, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में सेवाएं देने वाली कंपनियों को पारंपरिक दूरसंचार फर्मों की तरह ही लाइसेंसिंग और स्पेक्ट्रम खरीदने की शर्तों का सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा, “उन्हें दूरसंचार कंपनियों की तरह स्पेक्ट्रम खरीदना चाहिए और समान लाइसेंस फीस का भुगतान करना चाहिए।” उन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में समान अवसर की वकालत की।
श्री अंबानी की रिलायंस जियो ने भी सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन का विरोध किया था, और नीलामी प्रणाली के समर्थन में श्री सिंधिया को पत्र लिखा था।