भोपाल, 28 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि उर्वरक की मांग बढ़ने पर कालाबाजारी, अवैध भंडारण, नकली उर्वरक निर्माण की संभावना रहती है। पुलिस का सहयोग लेते हुए निरीक्षण और चेकिंग की व्यवस्था को बढ़ाया जाए। कालाबाजारी, मिलावट, मिस ब्रांडिंग और नकली उर्वरक खपाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए।
डॉ यादव ने आज यहां समत्व भवन से सोयाबीन उपार्जन, खाद उपलब्धता और वितरण की वीडियो-कान्फ्रेसिंग में कलेक्टर -कमिश्नर से चर्चा कर उक्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्वरक अवैध परिवहन पर नियंत्रण के लिए एक जिले से दूसरे जिले में उर्वरक मूवमेंट पर सतत् निगरानी रखें। खरीफ 2024-25 के लिए प्रदेश में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्राइस सपोर्ट स्कीम में मध्यप्रदेश को सोयाबीन उपार्जन की दी गई स्वीकृति के लिए आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में उपार्जन के समुचित बेहतर प्रबंध करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाए ताकि आवश्यकतानुसार डीएपी के स्थान पर एनपीके, लिक्विड नैनो यूरिया के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए। डॉ यादव ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि राजस्व अमला जनप्रतिनिधियों के साथ ने फसलों की क्षति आंकलन सुनिश्चित करें। खाद भंडारण के लिए डबल लॉक की आवश्यकता होने पर कृषि उत्पादन आयुक्त से समन्वय कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
डॉ यादव ने अमानक स्तर का खाद-बीज विक्रय, भंडारण और परिवहन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि रबी 2024-25 के लिए खरीफ 2024 के अनुसार ही उर्वरक वितरण का पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रबी 2024-25 के लिए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। सभी जिला कलेक्टर बेहतर तैयारी कर लें, वितरण व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों से समन्वय कर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री श्री मोदी के विज़न अनुरूप प्राकृतिक खेती को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दिया जाए। एनपीके और लिक्विड नैनो यूरिया के उपयोग के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करें। किसानों द्वारा इनके उपयोग से देश की अन्य राष्ट्रों पर निर्भरता भी कम होगी। मुख्यमंत्री ने खरीफ 2024 में एनपीके का उपयोग 45 प्रतिशत होने पर प्रसन्नता जताई जो कि वर्ष 2023-24 में मात्र 26 प्रतिशत था। उन्होंने जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट की मालवा क्षेत्र में खाद के 3 रैक और उपलब्ध कराने की मांग के अनुरूप कार्रवाई के निर्देश अधिकारियों को दिए।
डॉ यादव ने खाद के व्यवस्थित वितरण के लिए अधिकारियों को डबल लॉक केन्द्रों पर अतिरिक्त बिक्री काउंटर खोलने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने प्राइस सपोर्ट स्कीम पर सोयाबीन उपार्जन की कार्रवाई संवेदनशीलता पूर्वक करने को कहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा के अतिरिक्त सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश सरकार करेगी। प्रदेश में 25 सितम्बर से ई-उपार्जन पोर्टल पर किसानों के पंजीयन की कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। अधिक से अधिक किसानों से पोर्टल पर पंजीयन कराया जाए। आगामी 20 अक्टूबर तक किसानों का पंजीयन होगा। इसके बाद उपार्जन के लिए स्लॉट बुकिंग की कार्रवाई 21 दिसम्बर तक होगी। किसानों से 25 अक्टूबर से 31 दिसम्बर 2024 तक सोयाबीन का उपार्जन प्रदेश के 1400 केन्द्रों पर किया जाएगा। आवश्यकतानुसार इसमें परिवर्तन भी किया जा सकता है। किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा। प्रदेश में 7 जिले दतिया, भिंड, कटनी, मंडला, बालाघाट, सीधी एवं सिंगरौली को छोड़कर शेष सभी जगह सोयाबीन का उपार्जन होगा। इन जिलों से प्रस्ताव आने पर सोयाबीन उपार्जन पर विचार किया जाएगा।
बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव वीरा राणा, कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव परिवहन एस एन मिश्रा, अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक बर्णवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय शुक्ला, सचिव एवं आयुक्त कृषि एम सेल्वेन्द्रन, आयुक्त जनसंपर्क डॉ. सुदाम पी. खाड़े, संचालक कृषि अजय गुप्ता, एमपी मार्कफेड आलोक कुमार सिंह मौजूद थे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग से कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंषाना, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एवं अन्य जनप्रतिनिधि ने बैठक में सहभागिता की।