पांच दिनों बाद भी पता नहीं चला गोली किसने चलाई
इंदौर: बरदरी गांव में पिछले दिनों दुर्भाग्य से चली गोली एक परिवार उजड़ गया. गोली में जिस इंजीनियर की मौत हुई उसके परिवार वालों को आज तक यह नहीं पता चला कि गोली किसने और क्यों चलाई. पुलिस ने सारा दोष बीएसएफ पर मढ़ दिया. बीएसएफ के अधिकारी पुलिस को सही दिशा में काम करने की सलाह दे रहे हैं.पिछले दिनों सुपर कॉरिडोर स्थित ग्राम बरदरी में एक फैक्ट्री में सुपरवाइजर हातोद में रहने वाले 42 वर्षीय बलराम पिता मानसिंह राठौर की गोली लगने से मौत हो गई थी.
इस मामले में पुलिस की जांच तब उलझ कर रह गई जब युवक के शरीर में लगी गोली का पता चला. पोस्टमार्टम के रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि बलराम के शरीर में जो गोली लगी है, वह कोई साधारण गोली नहीं बल्कि सेना के उपयोग में आने वाली गन में इस्तेमाल होने वाली गोली थी. इस पर पुलिस को शंका हुई कि गोली रेवती रेंज स्थित फायरिंग जोन से चली होगी. इस पर पुलिस ने जब बीएसएफ के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने इस तरह की गोली बीएसएफ के द्वारा चलने की बात तो स्वीकार की मगर फायरिंग रेंज से चली गोली को घटना स्थल तक की दूरी तय करना संभव नहीं माना. खबर पर नवभारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की.
मजदूर भी बताने में असमर्थ
नवभारत के प्रतिनिधि ने सबसे पहले घटना स्थल पर जाकर वहां काम कर रहे लखन अहिरवार से बात की तो उन्होंने बताया कि मैं घटना के समय अपनी पत्नी को इलाज के लिए अस्पताल ले गया था. घटना मेरे सामने नहीं हुई तो मैं कुछ भी कहने या बताने में असमर्थ हूं. वहीं साइट पर काम कर रही एक माया नाम की महिला ने बताया कि साहब अच्छे इंसान थे, वह सभी मजदूरों का बराबर ध्यान रखते थे.
ग्रामीण बोले कभी भी होती है फायरिंग
इसके बाद टीम बरदरी गांव पहुंची यहां के रहवासियों से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां पर कभी भी फायरिंग होती रहती हैं, कभी फायरिंग की आवाज आती हैं. गोली चलने की सांय-सांय आवाजें आना आम बात है. मगर किसी भी ग्रामीण को आज तक न तो गोली दिखी और न ही लगी. हां यह जरुर हैं कि गोलियों की आवाज दो से तीन किलोमीटर तक सुनाई देती है.
पहाड़ी पर भी कुछ नहीं मिला
इसके बाद टीम ने रेवती रेंज की पहाड़ी के तरफ पहंुची. तो देखा कि यहां पर उपर एक मंदिर बना हुआ है. जिस पर कुछ लोग आ जा रहे थे. इनमें से कुछ कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी थे. जब टीम ने उनसे यहां पर गोली लगने से हुई मौत के मामले में बात की तो उन्होंने बताया कि हमे नहीं मालूम. हम तो यहां पर दर्शन करने व घुमने के लिए आते है. पहाड़ी के ठीक नीचे खुदाई से बना तालाब में गांव के कुछ बच्चे बेखौफ होकर नहा रहे थे. जब नवभारत की टीम पहाड़ी के ठीक उपर पहुंची तो बीएसएफ के एक जवान ने नीचे से ही आवाज लगा दी कि इधर नहीं आना गोलियां चल रही है.
जांच रिपोर्ट आने तक क्या कहा जा सकता है…
बीएसएफ के पीआरओ विपीन सिंह राठौर से बात की तो उनका कहना है कि मामले में अभी जांच चल रही हैं, बीएसएफ की एक विशेष टीम जांच कर रही है, रिपोर्ट आने तक क्या कहा जा सकता है.
परिजनों के बयान बाकी है…
गोलीकांड के मामले में बाणगंगा थाना प्रभारी सियाराम गुर्जर का कहना है कि मृतक के परिजनों के बयान अभी बाकी है. वहीं गोली की जांच सागर भेजी है, जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. फैक्ट्री पर काम करने वाले मजदूरों के बयान भी लिए जा रहे है. मामले में अभी कुछ भी कहना संभव नहीं है