जबलपुर: जबलपुर में तीन साल बाद भी नया मास्टर प्लान लागू न किये जाने को हाईकोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने मामले में राज्य सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही न्यायालय ने तीन से लंबित मास्टर प्लान की स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है। युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है।यह जनहित का मामला नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव की ओर से दायर किया गया है। जिनकी ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा।
जिन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में समाप्त हुए मास्टर प्लान को नए सिरे से बनाने को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है। आवेदकों की ओर से कहा गया कि नगर तथा ग्राम निवेश की धारा 18,19 में मास्टर प्लान का प्रावधान दिया है। जबलपुर का पुराना मास्टर प्लान 2021 में समाप्त हो चुका है और अब वर्ष 2024 भी समाप्त होने को आ रहा है। फिर भी अभी तक राज्य सरकार ने नया मास्टर प्लान लागू नहीं किया। आवेदकों की ओर से कहा गया कि वर्ष 2014 में 62 ग्राम जो कि ग्रामीण क्षेत्र में आते तो उन्हें नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया है। ऐसे में समझा जा सकता है कि वो 62 गांव जो कि नगर निगम में शामिल हुए है उनके लिए कोई भी मास्टर प्लान नहीं है। दलील दी गई कि सरकार मास्टर प्लान को लेकर हीला हवाली कर रही है। वहीं सरकार की ओर से कहा गया कि मास्टर प्लान पब्लिश हो चुका है, लोगों से आपत्तियां आमंत्रित की गई है। जिस पर न्यायालय ने मामले की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के साथ ही अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।
टेलीकाम फैक्ट्री की जमीन को ग्रीन बेल्ट में किया जाये शामिल
याचिकाकर्ता ने मास्टर प्लान के साथ-साथ हाईकोर्ट से यह भी मांग की है कि जबलपुर की टेलीकॉम फैक्ट्री जो कि करीब 70 एकड़ में फैली है, जिसके बंद होने के बाद यह जमीन जंगल से भरा गया है। यहां पर छोटे-छोटे जीव जंतु सहित कई प्रजाति के पक्षी भी है। बीच शहर में स्थित जंगल की हरियाली देखते ही बनती है। यही कारण है कि लोग सुबह-शाम यहां घूमने आते है। स्थानीय लोगों ने 20 हजार पेड़ों वाले जंगल को बचाने के लिए आंदोलन भी किया। याचिका में कहा कि टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन को मास्टर प्लान के ग्रीन बेल्ट में शामिल किया जाये। जिस पर युगलपीठ ने टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन को ग्रीन बेल्ट में शामिल करने को लेकर सुझाव पर विचार करने के निर्देश दिए है।