जब कैम्प में पहुंचने डांक्टरों की टीम ने रास्तों में गिरे पेडो़ं को काटकर किया किनारे

* डायरिया का प्रकोप के रोकथाम के लिए हर्रई गांव में कैंप लगाने जा रहे डॉक्टरों में दिखा मानवता की सेवा का जज्बा

 

नवभारत न्यूज

कुसमी 18 सितम्बर। जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड कुशमी के हर्रई गांव मेडिकल कैंप लगाने भुईमाड़ से जा रही डां. ऋषभ गुप्ता व मेडिकल टीम ने रास्ते में गिरे पेड़ को काटकर न केवल अपने अभियान को सुचारू बनाया, बल्कि यह भी साबित किया कि डॉक्टर केवल इलाज करने वाले पेशेवर नहीं होते बल्कि वे मानवता के सच्चे सेवक भी हैं। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि डॉक्टरों का योगदान सिर्फ अस्पतालों और क्लीनिकों तक सीमित नहीं है वे समाज के विभिन्न पहलुओं में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। डॉक्टरों की यह टीम दूरदराज के क्षेत्र हर्रई मे डायरिया से दो लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद लगातार वहां मेडिकल कैंप लगाकर मरीजों का इलाज कर रही हैं। जहां ग्रामीणों को तात्कालिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता थी। जैसे ही टीम अपने गंतव्य की ओर आगे जा रही जी तभी रास्ते दो से तीन जगह पर पेड़ गिरे हुए थे, जिससे आवागमन बाधित हो गया था। इस स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने तुरंत फैसला लिया कि उन्हें इस बाधा को दूर करना होगा। उन्होंने न केवल अपनी चिकित्सा की जिम्मेदारी निभाई, बल्कि समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण पेश किया।

 

सामाजिक दायित्व निभाते दिखे डॉक्टर

 

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि डॉक्टरों का कर्तव्य केवल मरीजों की सेहत तक सीमित नहीं है। वे समाज के प्रति अपने दायित्व को भी बखूबी निभाते हैं। जब डॉक्टरों ने पेड़ को हटाने का निर्णय लिया, तो उन्होंने यह दिखाया कि वे मानवता की सेवा के लिए हमेशा तैयार हैं, चाहे वह किसी भी परिस्थिति में हो। डॉक्टरों को अक्सर एक सीमित दृष्टिकोण से देखा जाता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि वे समाज के कई पहलुओं में योगदान करते हैं। स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान और आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देना, यह सभी कार्य उनकी बहुआयामी भूमिका को दर्शाते हैं। उनके इस तरह के कार्य न केवल मरीजों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होते हैं। डॉक्टरों का यह रूप हमें याद दिलाता है कि चिकित्सा केवल एक पेशा नहीं, बल्कि एक पुनीत कार्य है। उनका मानवता के प्रति समर्पण, जैसे कि गिरे पेड़ को हटाना, यह दर्शाता है कि वे अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तत्पर हैं। इस तरह के कार्यों से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम भी अपनी-अपनी क्षमताओं के अनुसार समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाएं। डॉक्टरों का यह अद्वितीय रूप हमें यह सिखाता है कि सेवा का असली मतलब क्या होता है और वे वाकई में “भगवान का रूप” हैं।

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