शहर की परंपरा के अनुरूप चल समारोह के लिए कलाकारों के साथ प्रशासन ने भी तैयारी की थी. झांकी मार्ग रोशनी से नहा रहा था और रात में दिन सा माहौल था. झांकियों को निहारने के लिए कई लोग समय से पहले पहुंच गए थे और जगह रोक ली थी. शाम 6 बजे कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस कमिश्नर, निगमायुक्त शिवम वर्मा ने खजराना गणेश की झांकी का पूजन कर चल समारोह की शुरूआत की. चूंकि उजाला हो रहा था इसलिए बिना लाइट जलाए ही कारवां शुरू हो गया. मगर झांकी दस मिनट तक वहीं पर खड़ी रही. गति इतनी धीमी थी कि चिमन बाग चौराहे से नावेल्टी मार्केट पहुंचने में झांकी को डेढ़ घंटे लग गए. बीच-बीचे में अखाड़ों के कारण झांकियों को आगे बढ़ने में समय लगा. अखाड़ों के कलाकार हैरतअंगेज करतब दिखा रहे थे. वहीं स्वागत मंचों से बज रहे संगीत की धुन पर युवा थिरकते नजर आए.
पंचमुखी व्यायामशाला एवं कुश्ती शास्त्र कला की दुर्गा वाहिनी की युवतियों ने शास्त्रों का खूब प्रदर्शन किया. कारवां में नगर निगम, आईडीए, मालवा मिल, होप मिल, स्वदेशी मिल, हुकुमचंद मिल, कल्याण मिल, भंडारी मिल की झांकियां शामिल थी. झांकियां एमजी रोड, कृष्ण पुरा, राजबाड़ा होते हुए पश्चिम क्षेत्र के बाजार में पहुंी. यहां से झांकियां पुनः अपने स्थानों पर लौट जाएंगी।
शुरू में सूना रहा झांकी मार्ग
खजराना गणेश मंदिर की झांकी साढ़े सात बजे नवेल्टी मार्केट पहुंची, सभी अखाड़े के कारण लेट हो गई. पूरा झांकी मार्ग सुना पड़ा हुआ है, इस बार वह भीड़ नहीं दिखाई दे रही जो हर साल देखी जाती थी.
दो किलोमीटर तय करने में लग गए सवा तीन घंटे
झांकियों का करवा शाम छ बजे जो शुरू हुआ जिसे कृष्णपुरा तक पहुंचने में लग गए सवा तीन घंटे. इस दौरान कई अखाड़े के करतब बाजों ने अपने करतब दिखाए. इस दौरान मंच पर कलेक्टर आशीष सिंह और पुलिस कप्तान मौजूद थे.
साढ़े दस बजे आखिरी झांकी पहुंची
साढ़े दस बजे आखिरी झांकी राजकुमार ब्रिज पर पहुंची. वहीं झांकियों का करवा धीरे धीरे आगे बढ़ता रहा.
विजयवर्गीय के ने भजन गाए
गणेश मंडल पर झांकी के दौरान मप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ट्रैक्टर पर सवार होकर निकले इस दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने कई भजनों की प्रस्तुति दी वही यह देश है वीर जवानों का गाना गया जिस पर दर्शक झूम उठे.
व्यंजनों का लिया स्वाद
झांकी मार्ग पर इंदौर की पहचान के अनुरूप खाने-पीने की दुकानें सजी हुई थी. यहां लोगों में पोहे, चाट सहित अन्य व्यंजनों का स्वाद लिया.
खिलौनो की खरीदारी की
सड़क किनारे खिलौने की दुकानें भी सजी हुई थी जो विशेषकर बच्चों के आकर्षण का केंद्र रही. बच्चों ने यहां से मनपसंद खिलौनों की खरीदारी की.