बागली/पीपरी -विगत वर्षो में पीपरी हाट बाजार मैं बाहर से आए व्यापारियों को दुकान लगाने के लिए के लिए पंचायत द्वारा बारिश एवं धूप से बचने के लिए तथा अन्य सुरक्षा दृष्टि से शेड बनाकर दिए हैं। लेकिन यह सेड व्यापारियों के लिए सर दर्द बन गए हैं।
*गोवंश करते हैं गंदगी*
सेड के आसपास गोवंश बड़ी मात्रा में विचरण करते हैं। जिसके चलते जिस स्थान पर बाहर से आए फुटकर व्यापारी जिनकी संख्या 50 से अधिक है। दुकान लगाते हैं उनकी दुकान वाले स्थान पर कीचड़ गोबर और मल मूत्र पसरा पड़ा है। जबकि पंचायत द्वारा बाजार बैठक की रसीद काटकर उगाही की जाती है। स्थानी लोगों ने बताया पास में गौशाला बनी हुई है लेकिन आवारा पशुओं की तादाद यहां पर इतनी अधिक है कि पूरे गांव में गंदगी कर रहे हैं।
स्थानीय व्यापारी सुमित गुप्ता ने बताया कि ग्राम पंचायत की साफ सफाई के लिए पंचायत द्वारा सफाई कर्मचारी भी नियुक्त किया गया है जिसकी तनख्वाह ₹5000 महीने दी जाती है। बाजार बैठक से भी पंचायत को इनकम होती है। जिसके तहत उसे स्थान का रखरखाव करना जरूरी रहता है। लेकिन लापरवाही इस प्रकार है कि बाजार बैठक वाले स्थान पर कीचड़ गोबर और मच्छर जैसी अवस्था के चलते बाहर से आए व्यापारी इधर-उधर दुकान लगाते हैं।
*क्या कहना है सरपंच का*
पीपरी के सरपंच सुरेश राव पाटिल ने बताया कि वह व्यवस्था सुधार में लगे हुए हैं ।लेकिन सफाई कर्मचारी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। इसके चलते दुकान लगाने वाले सेड पर सफाई नहीं हो पा रही।
*व्यापारी होने लगे हैं कम*
स्थानीय नागरिक गब्बर जायसवाल ने बताया कि ग्राम पंचायत मुख्यालय पर व्यापारियों को बैठने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यापारियों की संख्या विगत 5 वर्षों में आदि से भी कम हो गई है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में साप्ताहिक हाट बाजार में बाहर के दुकानदार नहीं आएंगे।
*मैं व्यवस्था सुधरवाता हूं आज ही निर्देश जारी करके*
बागली जनपद सीईओ राजीव मेडा ने कहा कि वह व्यवस्था में सुधार के लिए निर्देश दे रहे हैं। कारण यह है कि क्षेत्र में पहले ही रोजगार की कमी है कुछ लोग यदि फुटकर व्यापार करके रोजगार कमा रहे हैं तो उनकी जीविका चल रही है ऐसे में उनका ध्यान रखना शासन का फर्ज है।
*व्यापारियों ने की शिकायत*
फुटकर व्यापारियों में इस समस्या को लेकर दुख है बाहर से आने वाले व्यापारी
लखन सोलंकी, अशोक टेलर पेडमी, गौरा चारण, जोगीलाल चने वाले, विनोद चने वाले,राजेश भया बागली, मोहन कटलरी, सोनू बागली, चांदनी बागली,नितिन सोनी, आदि ने बताया कि इसके लिए उन्होंने 181 टोल फ्री नंबर भी कई बार लगाया लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा।