कलेक्टर एवं मिशन संचालक ने की कार्रवाई, एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश, शासकीय स्कूलों के किताबों की बिक्री करना पड़ा महंगा
नवभारत इम्पैक्ट
सिंगरौली :म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम भोपाल के कक्षा 1 से 8वीं तक के सरकारी नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों को कबाड़ियों के हाथ बिक्री करना चितरंगी बीआरसीसी को भारी पड़ गया। इस गंभीर मामले में कलेक्टर एवं मिशन संचालक चन्द्रशेखर शुक्ला ने चितरंगी जनपद शिक्षा केन्द्र के बीआरसीसी सियाराम भारती की संविदा सेवा समाप्त कर दिया है। कलेक्टर के इस कार्रवाई से घोटालेबाज, शासकीय सेवकों में हड़कंप मच गया है।गौरतलब है कि 4 सितम्बर को कोतवाली पुलिस ने जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि पिकअप वाहन क्रमांक यूपी 65 एचटी 4435 के चालक अनिल केवट एवं कन्टेनर वाहन क्रमांक एचआर 55 एके 2725 के चालक अंकित यादव नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों को चितरंगी के पिपरवान विद्यालय से लोड किया था।
जहां नवभारत ने 5 सितम्बर को उक्त मामले का भण्डाफोड़ करने के उपरांत कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने मामले को गंभीरता से लेते हुये डीईओ एसबी सिंह, डीपीसी आरएल शुक्ला एवं सहायक संचालक शिक्षा कविता त्रिपाठी के नेतृत्व में जिला स्तरीय तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर 24 घंटे के अन्दर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया था। जांच टीम ने चितरंगी बीआरसी दफ्तर एवं माध्यमिक विद्यालय पिपरवान पहुंच बीआरसीसी संविदा सियाराम भारती, बीएसी एवं ब्लॉक पुस्तक प्रभारी शिवकुमार मिश्रा तथा पिपरवान विद्यालय के प्रभारी हेड मास्टर रामेश्वर प्रसाद जायसवाल से पूछतांछ की गई। जहां प्रथम शासकीय नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों को कबाड़ी के हाथों बिक्री किये जाने की गतिविधि में पूर्ण रूप से संलिप्तता पाई गईं।
ऐसे में संबंधित तीनों अपचारी-कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप, दोष सिद्ध पाए जाने के कारण कठोर अनुशासनात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई किये जाने की अनुशंसा की गई। जांच समिति के प्रतिवेदन के आधार पर तीनों कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। जहां जवाब संतोष जनक न होने पर बीएसी एवं हेड मास्टर को जिला शिक्षा अधिकारी ने निलंबित कर दिया था। वही बीआरसीसी संविदा सियाराम भारती 13 सितम्बर को कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। बताया जा रहा है कि बीआरसीसी के द्वारा संतोष जनक जवाब न दिये जाने के कारण कलेक्टर एवं मिशन संचालक ने बड़ी कार्रवाई करते हुये बीआरसीसी संविदा सियाराम भारती को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया। इधर अब बीआरसीसी पर एफआईआर दर्ज कराने का खतरा मड़राने लगा है। कलेक्टर ने भी एसपी को बर्खास्तगी के कार्रवाई का आदेश की कॉपी भेजने के लिए निर्देशित किया है।
बीआरसीसी एवं बीएसी का ऑडियों वायरल
सोशल मीडिया में दो अलग-अलग वायरल ऑडियों चर्चाओं में आ गया। हालांकि वायरल ऑडियों की पुष्टि नवभारत नही करता है। किन्तु एक वायरल ऑडियों में बीआरसीसी एवं बीएसी की आवाज बताई जा रही है। ऑडियों में बीआरसीसी व बीएसी के बीच इस बात की वार्तालाप हो रही है कि इस सीजन के किताबों को तत्काल पिकअप वाहन में लोड कराकर तुर्रा विद्यालय में रखा दिया जाए और कमरे की चाभी बीएसी खुद रखे। किसी को चाभी देने की जरूरत नही है। वही किसी तरह नि:शुल्क सरकारी किताबों को दफा-दफा करना है। वही दूसरे ऑडियों में पुलिस के बीच सेटलमेंट की बात की जा रही है। हालांकि इसमें बीएसी व किसी अन्य तीसरे व्यक्ति की आवाज बताई जा रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि तीसरा व्यक्ति दलाल या बीआरसीसी का घनिष्ठ व्यक्ति है। जो सब कुछ किताबों के मामले में रफा-दफा कराने का डींग हांक रहा है और सलाह दे रहा है कि किसी को चिन्ता करने की जरूरत नही है। कोतवाली पुलिस से बातचीत पूरी हो गई है।
किताबों की बिक्री कराने में बीआरसीसी निकला मास्टर
सरकारी नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकों को कबाड़ी के यहां बिक्री कराने के मामले में चितरंगी के बीआरसीसी संविदा मास्टर निकला है। जांच टीम के समक्ष चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। बीएसी एवं हेडमास्टर ने अपने लिखित कथन में स्वीकार किया है कि 1 सितम्बर के दिन पिकअप वाहन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की पुरानी रखी पुस्तकों को लोड कराया जा रहा था। जिसमें मोबाईल फोन पर सियाराम भारती द्वारा मौखिक रूप से बोला गया था। उक्त कथनों से स्पष्ट हुआ है कि सियाराम भारती बीआरसीसी के निर्देश पर ही किताबें उक्त पिकअप वाहन में लोड कराई गई है। साथ ही बीआरसीसी पर यह भी सनसनीखेज आरोप है कि 6 सितम्बर की रात करीब 11:45 बजे अपने पुत्र आनन्द भारती के साथ बीआरसीसी दफ्तर पहुंच आलमारी का ताला खोलते हुये समस्त सरकारी दस्तावेजों को अपने बुलेरो वाहन में रखकर साथ ले गए। जिसमें कार्यालयीन अभिलेख, फाईल एवं आवक-जावक पंजी शामिल है।