नवभारत न्यूज
(विनय असाटी)
दमोह. शहर में अनेकों स्थानों पर पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं, जिनके दर्शन करने प्रतिदिन लोग पहुंच रहे हैं. इन्ही प्रतिमाओं में भगवान गणेश की दो झांकी दमोह शहर में ऐसी हैं, जो समाज को एक अलग ही संदेश दे रही हैं. अस्पताल चौराहे पर स्थित झांकी में डाक्टर को भगवान का रूप बताते हुए कलकत्ता में डाक्टर के साथ हुई घटना के आरोपियों को फांसी देने की मांग की गई है. वहीं खजरी मोहल्ले में स्थित झांकी में वृद्धाश्रम की झलक दिखाई गई है. इन झाकियों को देखने प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं और काफी सराहना भी कर रहे हैं.
कलकत्ता की घटना का किया विरोध
अस्पताल चौराहा पर आस्था गणेश समिति के हरि रजक व टीम द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है. जिसमें कलकत्ता में डाक्टर के साथ हुई घटना का विरोध जताते हुए झांकी बनाई गई है. जिसमें कुछ पुतलों को खड़ा करते हुए उनके गले में तख्तियां टांगी हैं. जिसमें डॉक्टर को भगवान तुल्य बताकर उनका सम्मान करने की बात लिखी है. उसके अलावा कोलकाता कांड के दोषियों को सजा देने, बलात्कारि को एक माह में फांसी देने और बहू बेटियों का सम्मान करने और हे गणपति जी हमें न्याय दिलाने की बात लिखी गई है.
अंदर भगवान गणेश की प्रतिमा है और बाहर यह पुतले खड़े हैं जो कलकत्ता के घटनाक्रम पर आपस में चर्चा कर रहे हैं. यह झांकी युवा हरी रजक द्वारा सजाई गई है.उन्होंने बताया की, कलकत्ता में डाक्टर के साथ हुई घटना के दोषियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए और इसी थीम पर यह झांकी सजाई गई है. जिसमें डाक्टर के लिए इंसाफ मांगा गया है,
झांकी में वृद्धाश्रम की झलक
शहर के सिविल वार्ड नंबर 10 खजरी मोहल्ला में श्री गजानन गणेश उत्सव समिति द्वारा विराजमान की गई.भगवान श्रीगणेश की झांकी इस बार लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.यह झांकी वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को लेकर बनाई गई है, समिति के अध्यक्ष दमन मिश्रा ने बताया कि वर्तमान परिवेश में देखा जा रहा है. कि बेटा-बेटी होने के बावजूद भी उनके बुजुर्ग माता-पिता वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं. यह स्थिति समाज के लिए घातक हैं, नरेंद्र रजक ने बताया कि झांकी के माध्यम से संदेश देना चाहते हैं कि अपने माता-पिता की सेवा भगवान की सेवा से बढ़कर है. इसलिए उन्हें कभी दुख मत दो.