डोल ग्यारस पर आज चारों दिशाओं से निकलेंगे डोल

अखाड़े के कलाकार करेंगे शौर्य प्रदर्शन,श्री कृष्ण एवं माता यशोदा के जलवा पूजन के दर्शन करेंगे भक्त, जगह-जगह होगा स्वागत

 

शनिवार को डोल ग्यारस पर्व शहर में धूमधाम से मनाया जाएगा। शहर में करीब दो दर्जन से अधिक मंदिरों से डोल निकलेंगे। इसमें प्रभु श्रीकृष्ण पालने में विराजित होंगे। साथ ही विभित्र समाजों के अखाड़े भी शामिल होंगे। अखाड़े के कलाकर एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज करतब दिखाकर शौर्य प्रदर्शन करेंगे। आखिर में सभी डोल आजाद चौक में एकत्रित होंगे और यहां से चल समारोह के साथ अपने-अपने मंदिरों में पहुंचेंगे। कृष्ण जन्माष्टमी के बाद आने वाली एकादशी को डोल ग्यारस बोलते हैं। श्रीकृष्ण जन्म के 18वें दिन माता परोदाने उनका जल पूजन (घाट पूजन) किया था। इसी दिन को डोल ग्यारस के तौर पर मनाया जाता है। जलवा पूजन के बाद ही संस्कारों का आरंभ होता है। कहीं इसे सुरज पूजा बोलते हैं तो कहीं दारटोन पूजा बोला जाता है। जलवा पूजन को कुआं पूजा भी बोला जाता है। इस ग्यारस को परिवर्तिनी एकादशी, जलझुलनी एकादशी, वामन एकादशी आदि के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व पर शाजापुर शहर में अलग तरह का उल्लास नजर आता है। इसमें परंपरा सनातन संस्कृति और धर्म का समावेश होता है। जानकारी के मुताबिक होल ग्यारस पर करीब 25 मंदिरों से ढोल निकलेंगे। इनका एकत्रीकरण आजाद चौक में होगा।

 

जानकी वल्लभ मंदिर में वर्ष 1717

से जारी है डोल की परंपरा डोल

 

ग्यारस पर शनिवार को सबसे पहले अपराह चार बजे किला परिसर स्थित जानकीवल्लभ मंदिर से शासकीय डोल निकलेगा। यहां वर्ष 1717 से यह परंपरा निभाई जा रही है। इस डोल के पीछे विभित्र मंदिरों से एवं सभी समाज डोल लेंगे। प्रमुख रूप से राठौर समाज, मारवाड़ा स्माज, कुशवाह समाज, खत्री समाज, दर्जी समाज, भावसार समान, माली समाज व अन्य कई समाजजन डोल के साथ आजाद चौक में एकत्रित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। शासकीय मंदिर के पुनारी हरिओम त्रिवेदी एवं रवींद्र त्रिवेदी ने बताया मंदिर से पूजन आरती के बाद नगर भ्रमण के लिए चल समारोह के रूप में ढोल निकलेगा। डोल को पूजा महिलाओं द्वारा रास्तेभर होगी। डोल यात्रा मंदिर परिसर से प्रारंभ होकर किला रोड, छोटा चौक, आजाद चौक, नई सड़क होता हुआ नाग-नागिन रोड से सोमवारिया बाजार, वजीरपुरा, धान मंडी, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेगा। यहां आरती के बाद पुनः डोल किला परिसर पहुंचेगा। इसके बाद नगर भ्रमण कर डोल अपने मंदिर पहुंचेंगे।

 

शहर में भा में होगा सामत

 

डोल ग्यारस पर्व का स्वार के लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। जहां-जहां से डोल निकलेंगे, वहां के रास्तों पर लोगों द्वारा मंच बनाकर पुभवों की जाएगी। दर्जनों स्थानों पर स्वागत मंच सजने लगे हैं।

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