नयी दिल्ली (वार्ता) भारत के पूर्व निशानेबाज रणधीर सिंह रविवार को एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया।
प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित 44वीं आम महासभा में इसकी आधिकारिक घोषणा की गई।
77 वर्षीय रणधीर सिंह का कार्यकाल 2024 से 2028 तक होगा। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) द्वारा मान्यता प्राप्त एशिया ओलंपिक परिषद एशिया में खेलों के लिए एक गर्वनिंग बॉडी है।
इस आम महासभा में एशिया के सभी 45 देशों के स्पोर्ट्स लीडर्स नई दिल्ली में मौजूद रहे। रणधीर सिंह पांच बार के ओलंपिक निशानेबाज रह चुके हैं, वह ओसीए के अध्यक्ष पद के एकमात्र उम्मीदवार थे। वह इससे पहले 2021 से इसके कार्यवाहक अध्यक्ष थे।
रणधीर सिंह का परिवार खेलों से जुड़ा रहा है। उनके चाचा महाराजा यादविंदर सिंह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं और आईओसी के सदस्य भी थे। उनके पिता भालिंदर सिंह भी प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और 1947 से 1992 तक आईओसी के सदस्य थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद, रणधीर सिंह ने खेलों में करियर बनाने का निर्णय लिया। अपने शुरुआती वर्षों में उन्होंने गोल्फ, तैराकी, स्क्वैश और क्रिकेट जैसे खेलों में हाथ आजमाया, लेकिन अंततः उन्होंने निशानेबाजी को अपने करियर के रूप में चुना।
उन्होंने 1978 में उन्होंने ट्रैप शूटिंग में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता, 1982 में ट्रैप शूटिंग में कांस्य पदक और 1986 में ट्रैप शूटिंग टीम स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। उन्हें 1979 में, रणधीर सिंह को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही उन्हें महाराजा रणजीत सिंह पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
उनकी स्पोर्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन में शुरुआत 1987 में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मानद महासचिव के रूप में नियुक्त होने के साथ हुई, इस पद पर उन्होंने 2012 तक कार्य किया। वह 1987 में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के संचालन बोर्ड के सदस्य बने। उन्होंने 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स की आयोजन समिति के उपाध्यक्ष का पद भी संभाला। इसके अलावा भी उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते खेलो को बढावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।