ग्वालियर चंबल डायरी
हरीश दुबे
आज बुधवार का दिन शहर के राजनीतिक हलकों में बधाईयों, शुभकामनाओं, बुके व मालाओं के नाम रहा। वजह यह कि एक ही दिन स्थानीय सांसद और विधायक, दोनों नेताओं के जन्मदिन मनाए गए। सांसद भारत सिंह कुशवाह और विधायक सतीश सिकरवार का जन्मदिन जोशखरोश से मनाने के लिए समर्थकों ने कई दिन पहले से तैयारी कर रखी थी लेकिन एक दिन पहले मुख्यमंत्री को पितृशोक के चलते सांसद भारत सिंह के समर्थकों को अपने आयोजन मुल्तबी करना पड़े। अपने समर्थकों को जन्मदिन समारोह स्थगित करने का निर्देश देकर वे सीएम के पिताश्री की अंत्येष्टि में शामिल होने उज्जैन रवाना हो गए थे। इस तरह सांसद महोदय का जन्मदिन औपचारिकता में सिमट कर रह गया। लेकिन विधायक सतीश सिकरवार के जन्मदिन समारोह में हजारों की संख्या में काँग्रेसजन, समर्थक व उनके शुभचिंतक जुटे। इनमें कांग्रेस के अलावा इतर पार्टियों के कार्यकर्ता भी थे।
सीधे महल से जुड़े मायासिंह और मुन्ना लाल गोयल जैसे कद्दावर नेताओं को चुनाव में शिकस्त देकर लगातार दूसरी बार ग्वालियर पूर्व से विधायक बने सतीश के जन्मदिन समारोह में जिस कदर जनसैलाब उमड़ा, उससे एक बार फिर शहर के राजनीतिक हलकों में यही संदेश गया कि सतीश भले ही प्रतिपक्ष की राजनीति कर रहे हैं लेकिन उनका सीधे जमीन से जुड़ाव है, ऐसे वक्त जब ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस संकट के दौर से गुजर रही है, सतीश जैसे नेता पार्टी को मजबूती देने में जुटे हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव में सतीश का नाम ग्वालियर सीट से कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवारी के लिए उछला था लेकिन कांग्रेस के लिए कमजोर कड़ी मानी जाने वाली मुरैना सीट से जब उनके लघु भ्राता नीटू सिकरवार का नाम तय हो गया तो सतीश खुद ही पीछे हट गए। हालांकि ग्वालियर में कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी लेकिन ग्वालियर की सियासी नब्ज के जानकारों का मानना है कि यदि सतीश मैदान में होते तो नतीजा इतर भी हो सकता था।
आ रहे 35 मुल्कों के मिनिस्टर
ग्वालियर के इतिहास में यह पहली मर्तबा होगा जब 35 देशों के मंत्रिगण इस ऐतिहासिक नगरी के भ्रमण पर आयेंगे। इन मेहमान मंत्रियों के इस टूर के शिड्यूल में करीब हजार साल पुराने ग्वालियर किले पर लाइट एण्ड साउण्ड शो देखने जैसे तमाम प्रोग्राम जोड़े गए हैं। दरअसल, दुनिया के ताकतवर देशों के ये मंत्री दिल्ली में आयोजित होने जा रही विश्व दूरसंचार असेम्बली में भाग लेने भारत आ रहे हैं। केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री सिंधिया ने अपने समकक्ष मंत्रियों के दौरा प्रोग्राम में ग्वालियर को भी जुड़वा दिया है। सिंधिया अपनी मेजबानी में दुनिया भर के इन मेहमान मिनिस्टरों को जयविलास पैलेस में डिनर भी देंगे। यह हाई प्रोफाइल विजिट फाइनल होते ही जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। खुद कलेक्टर रुचिका चौहान इन मंत्रियों के ग्वालियर प्रवास की व्यवस्थाओं को देख रही हैं। वे इस संबन्ध में आला अफसरों की बैठक ले चुकी हैं। अक्टूबर शुरू होने से पहले शहर को दुल्हन की तरह सजाने की तैयारी है।
पार्कों में टूट रही मूर्तियाँ
लगता है कि शहर के पार्कों पर असामाजिक तत्वों का कब्जा हो गया है। इन तत्वों ने पहले शहीद पार्क के गेट की बंदूक तोड़ी और अब स्टेडियम के समीप बने एक और पार्क में लगी कैप्टन रूपसिंह की प्रतिमा की प्रतिकृति ही गिरा दी। ये तत्व उनकी गेंद को पहले ही गायब कर चुके हैं। महापौर ने तीन पार्कों को जनता को सौंपा था लेकिन जब इन पार्कों के गेट खोले गए तो रोजाना नई समस्याएं सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी चुनौती शहर की विरासत और हरियाली के प्रतीक बने इन पार्कों को असामाजिक तत्वों की नजरों से बचाकर रखना है।