नयी दिल्ली (वार्ता) चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में प्राथमिक क्षेत्रों विशेषकर कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के साथ ही वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर गतिविधियों में रही सुस्ती के कारण आर्थिक वृद्धि अनुमान से कम 6.7 प्रतिशत रही है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 8.2 प्रतिशत रही थी।
विशेषज्ञों ने पहली तिमाही में इसके सात प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान लगाया था।
राष्ट्रीय सांख्कीय कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अप्रैल-जून 2024-25 में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 43.64 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 40.91 लाख करोड़ थी, जो 6.7 प्रतिशत की वृद्धि है। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी 77.31 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जबकि 2023-24 की पहली तिमाही में यह 70.50 लाख करोड़ रुपए थी, जो 9.7 प्रतिशत अधिक है।