फिनटेक से वित्तीय सेवाओं में लोकतंत्र आया, भारत से फिनटेक में बड़ी उम्मीदें : मोदी

मुंबई, (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्तीय टेक्नोलॉजी (फिनटेक) जगत में भारत की प्रगति को अद्भुत बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में फिनटेक का सामाजिक प्रभाव बहुत व्यापाक है और इससे गांव शहर के बीच की खाई पट रही है तथा वित्तीय सेवाओं का लोकतांत्रीकरण हुआ है।

श्री मोदी ने यहां आयोजित फिनटेक उद्योग के वैश्विक सम्मेलन ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ)-2024 को संबोधित कर रहे थे। तीन दिन के सम्मेलन का आज आखरी दिन था। प्रधानमंत्री महाराष्ट्र के एक दिन के दौरे पर हैं। वह आज ही पालघाट जिले में वधावन बंदरगाह की विशाल परियोजना का भी उद्घाटन कर रहे हैं।

फिनटेक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में फिनटेक की वजह से जो कायाकल्प हुआ है वह सिर्फ टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं है। इसका सामाजिक प्रभाव बहुत व्यापक है। इससे गावं और शहर की खाई को पाटने में मदद मिल रही है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जनधन योजना महिलाओं को अधिकार सम्मन्न बनाने का एक बहुत बड़ा माध्यम बनी है। इस योजना के चलते 29 करोड़ से अधिक महिलाओं के बैंक खाते खुले और इन खातों ने महिलाओं के लिए बचत और निवेश के अवसर उत्पन्न किए।

श्री मोदी ने कहा कि आज भारत में 53 करोड़ से अधिक लोगों के पास जनधन खाते हैं। इसका अर्थ है कि दस साल में भारत ने एक तरह से पूरे यूरोपीय संघ की आबादी के बारबर की आबादी को बैंक व्यवस्था से जोड़ा है।

फिनटेक के क्षेत्र में भारत की सफलता का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि “कभी लोक कहा करते थे कि ‘कैश इज किंग’(जिसके पास नकदनरायण, वही राज) पर आज दुनिया का करीब-करीब आधार रियल-टाइम डिजिटल लेनदेन भारत में होता है। पूरी दुनिया में भारत का यूपीआई, फिनटेक का बहुत बड़ा उदाहरण बन गया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “फिनटेक ने वित्तीय सेवाओं को लोकतांत्रिक बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।” उन्होंने कहा कि एक समय भारत आने वालों को यहां की सांस्कृतिक विविधता आकर्षित करती थी, “आज आने वाले हमारी फिनटेक विविधता देख कर हैरान होते हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने जिस तेजी और व्यापकता के साथ फिनटेक को अपनाया है उसका उदाहरण कहीं और नहीं मिलता। उन्होंने इसका श्रेय देश में विकसित की गयी सार्वजनिक डिजिटल-अवसंरचना सुविधाओं (डीपीआई् ) और फिनटेक उद्योग को दिया।

श्री मोदी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि भारत का फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र दुनिया में लोगों का जीवन अधिक आसान बनाने में सहायक होगा।” श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत इस क्षेत्र में अभी बहुत कुछ बहुत अच्छा करने जा रहा है।

यहां जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस सम्मेलन का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल ने मिलकर किया। भारत और कई अन्य देशों के नीति निर्माताओं, नियामकों, वरिष्ठ बैंकरों, उद्योग जगत के दिग्गजों और शिक्षाविदों सहित लगभग 800 वक्ता सम्मेलन में 350 से अधिक सत्रों में भाग लिया। इसमें फिनटेक परिदृश्य में नवीनतम नवाचारों को भी प्रदर्शित किया गया। जीएफएफ 2024 में 20 से अधिक विचार नेतृत्व रिपोर्ट और श्वेत पत्र जारी किए गए और जो अंतर्दृष्टि और गहन उद्योग जानकारी प्रदान की गयी। सम्मेलन का उद्घाटन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया था।

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