नयी दिल्ली, 25 नवंबर (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास के लिए श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को महत्वपूर्ण बताया और कंपनियों से प्रदूषण से निपटने के लिए बेहतर तकनीक अपनाने का आह्वान किया।
श्री गोयल राजधानी में रियल स्टेट विकास में लगी कंपनियों के मंच क्रेडाई (कन्फेडरेशन आफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन आफ इंडिया) के 25वें स्थापना दिवस पर अपने मुख्य भाषण दे रहे थे। उद्योग जगत के प्रमुखों और प्रतिभागियों को विदेशों में रियल एस्टेट के अवसरों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि भारत के बाहर रियल एस्टेट का विस्तार करने से भारत के निर्यात और अवसंरचना सेवाओं में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र को अपने काम में औपचारिकताओं को तरह पूरा करने की ओर बढ़ना चाहिए क्योंकि इससे इस उद्योग को तेजी से विकसित करने में मदद करेगा।
उन्होंने इसी संदर्भ में उद्योग से श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में लगाने, उन्हें बीमा (ईएसआईसी) और भविष्य निधि (ईपीएफओ) के सामाजिक सुरक्षा लाभ देने का आग्रह किया। इससे वार्षिक रिपोर्टों और राष्ट्रीय आँकड़ों में कर्मचारियों की संख्या के परिलक्षित होने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि यदि सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ प्रदान किए जाते हैं, तो कर्मचारी उद्योग के लक्ष्यों के मुताबिक अपने काम की गुणवत्ता में वृद्धि करेंगे, जिससे बेहतर उत्पादकता और अधिक लाभ होगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने क्रेडाई से अपने 14,000 सदस्यों के औपचारिकरण में तेजी लाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि यदि क्रेडाई के लिए काम करने वाला हर व्यक्ति डिजिटल भुगतान के माध्यम से वेतन प्राप्त करेगा और यह सुनिश्चित किया जाता है कि ईकोसिस्टम में काम करने वाले कर्मचारी लोगों की जरूरतों को पूरा करने के राष्ट्रीय प्रयास का हिस्सा हैं, तो रोजगार सृजन में क्रेडाई के योगदान की पहचान और सम्मान होगा।
श्री गोयल ने अपने संबोधन में पर्यावरण प्रदूषण का मुद्दा उठाया और क्रेडाई से भारत के महानगरों में बेहतर निर्माण तकनीकों को अपनाने के तरीकों का अध्ययन करने के लिए एक टीम स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने उद्योगों की संस्था को इसे एक मिशन के रूप में लेने और सरकार को इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों की रिपोर्ट करने का सुझाव दिया।
श्री गोयल ने किफायती किराये के आवास के बारे में भी बात की और घोषणा की कि सरकार झुग्गी-झोपड़ी निवासियों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम पर काम करने के अलावा, नागरिकों को किफायती किराये वाला आवास प्रदान करने के तरीके खोजने के लिए उद्योगों की संस्था के साथ चर्चा करेगी। उन्होंने कहा कि यदि किफायती किराये का आवास उपलब्ध कराया जाता है तो शहरों में झुग्गियों का प्रसार रुक सकेगा।