बालाघाट: बालाघाट में 1 से 10 दिसंबर तक स्वदेशी मेला लगा है। मंगलवार को कौशल विकास में प्रशिक्षित युवाओं के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इसमें सीएम डॉ. मोहन यादव शामिल हुए।सीएम ने कहा- स्वदेशी मेले की शुरुआत मुंबई से हुई थीसीएम ने कहा कि स्वदेशी मेले की शुरुआत 1999 से मुंबई से हुई थी। जिसे अब प्रधानमंत्री स्टार्टअप के माध्यम से इन्हीं बातों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। देश के लोगों की उत्पादक क्षमता, बौद्धिक क्षमता से भारत की विशेष पहचान रहे लघु और मध्यम श्रेणी उद्योगों में लगी प्रतिभाओं को युक्ति और बुद्धि के साथ उसका शोषण करने काम किया गया।
जिसके कारण हम अपने स्वदेशी उत्पादों को भुलते गए। लेकिन आज उसे पुन: आगे बढ़ाने का काम स्वदेशी जागरण मंच कर रहा है। मेले के माध्यम से हम मिलकर व्यापार और व्यवसाय के साथ संस्कृति को बढ़ाते है।उन्होंने युवाओं से कहा कि वह नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बने। देश में दो सालों से राज करने वाले इंग्लैड को पीछे छोड़कर, देश पांचवी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। यह गौरव हमें प्रधानमंत्री मोदी के कारण मिल रहा है। रिजनल कॉन्वकलेव के माध्यम से प्रदेश में इंडस्ट्री ला रहे है।पांच रीवा, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, उज्जैन में आयोजित रीजनल कॉन्वकलेव से हमें ढाई लाख करोड़ का इंवेस्टमेंट मिला है।
जो प्रदेश में रेडीमेट गारमेंट की फैक्ट्री लगाएगा, उसे सरकार पूरे प्रोत्साहन के साथ ही काम करने वालों को 5 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि, 10 साल तक सरकार देगी। ताकि इंडस्ट्री खड़ी हो सके।प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2003-04 में पांच मेडिकल कॉलेज थे। आज 17 शासकीय और 13 अशासकीय मेडिकल कॉलेज हैं। हमने हेल्थ एजुकेशन और हेल्थ डिपाटमेंट को एक किया। बालाघाट में भी इंडस्ट्री प्रस्ताव मंजूर किए हैं।आरएसएस के संघ सर कार्यवाहक भैयाजी जोशी ने कहा कि स्वदेशी मेला, हम सबके जीवन में दिशा देने वाला बनना है।
हम स्वदेशी को अपनाए। औरो के गुणगान से हम समर्थ नहीं बनते हैं। हमे समर्थ बनना है तो हमें ही संकल्प लेना होगा।देश स्वतंत्र होने के बाद आज विश्व की स्पर्धा में खड़ा है। होमी बाबा से अब्दुल कलाम तक, वैज्ञानिकों ने विज्ञान जगत को ऊंचाई पर ले गया है।आज हम आवागमन के साधन, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग जगत में विश्व के स्पर्धा में आगे बढ़ रहे हैं। बीते कुछ सालों से वर्तमान नेतृत्व के मार्गदर्शन में प्रमाणिकता से, देश, विश्व में श्रेष्ठ स्थान हासिल करने की दिशा में गतिमान है।