अब भी पुराने तरीकों से ही हो रही जमीन की रजिस्ट्री, तकनीकी खामिया बताया जा रहा कारण
छिंदवाड़ा। रजिस्ट्री करवाने के लिए शासन द्वारा संपदा-2 सॉफटवेयर लागू किया गया है। ताकि लोगों को रजिस्ट्री करवाने में परेशानियों का सामना ना करना पड़े लेकिन यह सॉफ्टवेयर श्ुारू होने से पहले ही अधिकारियों व हितग्राहियों के लिए सरदर्द बनता नजर आ रहा है। दरअसल तकनीकी खामियों के चलते अब तक इस सॉफ्टवेयर की अब तक शुरूआत ही नहीं हो पाई है। वहीं इस को शुरू करने के लिए अब तक कोई विभागीय आदेश तक नहीं आए है। बताया जा रहा है कि इस सॉफ्टवेयर को 15 अगस्त से लागू करने की तैयारी थी। फिलहाल प्रदेश स्तर से सॉफ्टवेयर में लगातार तकनीकी बाधा आ रही है। महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक भोपाल के आदेश पर संपदा 2.0 का प्रशिक्षण विभागीय अधिकारी, कर्मचारी तथा सेवाप्रदाताओं को अगस्त की पहले पखवाड़े में दिया जा चुका है। इस प्रशिक्षण में बताया गया था कि संपदा 2.0 के लागू होने पर रजिस्ट्री व्यवस्था में कई तरह के बदलाव दिखाई देंगे।
प्रिंट की जगह मोबाइल में मिलना थी रजिस्ट्री 00000000000000
बताया जा रहा है कि इस नए सॉफ्टवेयर के तहत पक्षकार को रजिस्ट्री का प्रिंट नहीं मिलेगा। पक्षकार के मोबाइल पर ई-रजिस्ट्री पहुंचेगी। रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू होने पर हर स्टेप पर ओटीपी की जरूरत होगी। बिना ओटीपी के रजिस्ट्री की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। आधार या पैनकार्ड से भी रजिस्ट्री लिंक होगी। इसके साथ ही संपत्ति भी आधार और पैनकार्ड से लिंक हो जाएगी। यदि आधार या पैनकार्ड नहीं है, तो पक्षकार के डिजिटल सिग्नेचर बनेंगे। इसके अलावा पक्षकार खुद भी रजिस्ट्री कर सकता है। इसके लिए सर्विस प्रोवाइडर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
कुछ सवालों के नहीं मिल रहे जवाब 0000000000000000
पंजीयन विभाग ने छिंदवाड़ा समेत पूरे प्रदेश में संपदा 2.0 को लागू करने की तैयारी थी। इस बीच सॉफ्टवेयर में तकनीकी बाधाएं आने तथा रजिस्ट्री गाइड लाइन के कुछ सवालों के उत्तर नहीं मिल पाने की वजह से इसे लागू नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में भोपाल के अधिकारी चाह रहे हैं कि पहले सॉफ्टवेयर में इन बाधाओं को दूर किया जाए। इसके लिए सॉपटवेयर को बनाने वाली कम्पनी से कहा गया है। इस समस्या के हल के उपरांत ही इस सॉफ्टवेयर को हर जिला मुख्यालय पर लागू किया जाएगा।