कृषि विभाग की प्रक्रिया पूरी, किसान परेशान
जबलपुर: जिले में मूंग का उपार्जन तो 20 दिन पहले ही पूर्ण रूप से हो चुका है। जिसमें सहकारिता समितियों द्वारा मूंग की खरीदी कर ली है और लगभग वेयरहाउस में इसका भंडारण भी किया जा चुका है। परंतु जिन किसानों से समितियों द्वारा शासन ने मूंग की खरीदी की है, उनमें से बहुत से किसानों का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। जिसके चलते किसान काफी परेशान है। कृषि उपसंचालक एस के निगम से मिली जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 70 करोड रुपए की मूंग का भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि जिले से सभी प्रकार की प्रक्रियाएं पूर्ण हो चुकी हैं, इसके अलावा डब्ल्यू एच आर भी जारी किया जा चुका है, परंतु अभी ऊपर से ही किसानों को भुगतान नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा 24 जून से 31 जुलाई तक ग्रीष्मकालीन फसल मूंग और उड़द की खरीदी प्रारंभ कर दी गई थी,परंतु जिले में इसके एक हफ्ते बाद सहकारी समितियां और केंद्रों का आवंटन किया गया था। जिसके चलते 2 जुलाई को जिले में 21 केंद्र खरीदी के लिए बनाए गए थे। जहां पर किसानों द्वारा पहुंचाई गई मूंग का उपार्जन किया गया है।
सिर्फ 14 करोड़ 82 लाख का भुगतान
जानकारी के अनुसार जिन किसानों द्वारा मूंग को समर्थन मूल्य पर बेचा गया था, उनमें से कुछ किसानों का भुगतान किया जा चुका है। जिसमें अभी तक जिले में कुल 14 करोड़ 82 लाख रुपए का भुगतान किसानों को हो चुका है। शेष बचे हुए किसान के खाते में अभी तक मूंग उपार्जन का भुगतान नहीं हुआ है। जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं और बैंक के चक्कर काट रहे हैं। परंतु अभी तक उपार्जन की राशि उनके खाते में नहीं पहुंची है।
डब्ल्यू एच आर भी हुआ जारी
जानकारी के अनुसार जिन वेयरहाउस में मूंग उपार्जन हुआ है,वहां पर भंडारण भी किया जा चुका है। जिसके लिए डब्ल्यू एच आर भी जारी हो गया है। इसका मतलब यह है कि गोदाम में माल की स्वीकृति की जा चुकी है। कृषि विभाग द्वारा इन सभी प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद भी जिन किसानों से मूंग की फसल खरीदी गई थी, उनको अभी तक अपने अनाज की रकम नहीं मिली है,जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं।
1 लाख 52 हजार क्विंटल हुई है खरीदी
इस वर्ष ग्रीष्मकालीन फसल मूंग- उड़द के उपार्जन में मूंग का उपार्जन पिछले वर्ष की तुलना में आधा ही हुआ है। पिछले वर्ष मूंग का उपार्जन 3 लाख 77 हजार क्विंटल ही हुआ था। जिसकी तुलना में इस वर्ष मूंग का उपार्जन मात्र 1 लाख 52 हजार क्विंटल ही हुआ है। जिससे यह अंदाजा लगाए जा सकता है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मूंग का उपार्जन बहुत ही कम हुआ है। वहीं दूसरी तरफ देर से खरीदी शुरू होने के कारण कई किसानों ने अपनी फसल प्राइवेट रूप से मंडी में व्यापारियों को ही बेच दी थी, जिसमें उनको अच्छे खासे रेट भी मिले थे। जिसके कारण खरीदी केंद्रों में कम संख्या में किसान अपनी फसल लेकर पहुंचे थे।