(विनय असाटी)
नवभारत न्यूज
दमोह.वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 27 मार्च को बढ़ गई है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया से एक नर एवं एक मादा बाघ को परिक्षेत्र में छोड़ा गया है. वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर के उप संचालक डॉ. ए.ए.अंसारी ने बताया बाघों से गुलजार संरक्षित क्षेत्र नौरादेही अभयारण्य, सागर को मप्र शासन द्वारा सितम्बर 2023 में रानी दुर्गावती अभयारण्य, दमोह के साथ संलग्न कर वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, सागर घोषित किया गया है. जिसके अंदर बसे ग्रामों का विस्थापन कर बाघों के रहवास बनाने हेतु कार्य प्रचलन में है. जिसके तारतम्य में 27 मार्च 2024 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया से एक नर एवं एक मादा बाघ को परिक्षेत्र डोंगरगांव अंतर्गत विस्थापित ग्राम महका क्षेत्र में व्यारमा नदी के किनारे सफलतापूर्वक खुले वनक्षेत्र में छोडा गया है. दोनो बाघों पर रेडियो कॉलर लगे हुए है तथा सतत अनुश्रवण किया जा रहा है. छोड़े गए मादा बाघ को आईडी एनओ-एन -4 तथा नर बाघ को आईडी एनओ-एन-5 दिया गया है. बाघों को छोड़े जाने के संपूर्ण अभियान के दौरान बांधवगढ़ के उप संचालक पी.के. वर्मा, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, सागर के उप संचालक डॉ. ए.ए.अंसारी, संजय टाइगर रिजर्व के वन्यप्राणी चिकित्सक अभय सेंगर, एनजीओ डब्ल्यूसीटी की ओर से डॉ. प्रशांत देशमुख, उप वनमंडल अधिकारी ताला फतेह सिंह निनामा, उप वनमंडल अधिकारी बरमान रेखा पटेल, गेम परिक्षेत्र अधिकारी सर्रा, गेम परिक्षेत्र अधिकारी नौरादेही, गेम परिक्षेत्र अधिकारी डोंगरगांव, परिक्षेत्र अधिकारी तारादेही देवेंद्र गुर्जर, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर का वन अमला तथा वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, सागर एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, उमरिया का रेस्क्यू दल उपस्थित रहा. जिनके विशेष प्रयास से बाघों को सफलतापूर्वक एवं सुरक्षित रूप से वनक्षेत्र में छोड़ा गया है.
*मैं यही शुभकामनाएं दूंगा की दमोह बेस्ट डेस्टिनेशन बने-श्री पटैल*
मप्र सरकार के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दमोह पहुंचकर कहा कि अभिनंदन, बधाई देता हूं. आप प्रकृति के संरक्षण कर्ताओं में से एक है, आपके पास में एक तरफ बहुमूल्य विरासत है, दूसरी तरफ वन संरक्षण में बड़ा यशस्वी काम किया है. बांधवगढ़ से दो शेरों के आने के बाद यहां संख्या करीब 18 हो गई है. मैं मानता हूं कि दमोह ऐसी धरती है जहां इतिहास भी है, पर्यावरण का संरक्षण भी है और आने वाले समय में पर्यटकों को लुभाने का समर्थ भी दमोह में है. मैं यही शुभकामनाएं दूंगा की दमोह बेस्ट डेस्टिनेशन बने.
उन्होंने कहा यह मोदी जी के कार्यकाल में शुरू हुआ है और हम इस बात के लिए गौरव करेंगे और इतिहास में दुनिया जब भी मानचित्र में दिखेगी की सबसे बड़ा भौगोलिक टाइगर रिजर्व कहां है तो उसमें दमोह का नाम आएगा, तो मैं जहां भी रहूंगा मैं भी गौरवांभित महसूस करूंगा.