ओम्कारेश्वर
हजारों भक्तो ने किये पालकी के दर्शन
शाही महासवारी मे आकर्षण के केंद्र थे चांदी का नंदी, धुपड़ा, चांदी की पालकी, त्रिशूल, चांदी की छतरी, 51 ढ़ोल, बेंड, डीजे, नाचते घोड़े, झाँकिया, भजन मण्डलीया, तोपों से उड़ते फूल, गार्ड, ऑफ़, अनर, गुलाब और ग़ुलाल उत्सव, भाव विभोर नाचते भक्त, भोले शम्भू भोले नाथ का उद्घोष, लहराते झंडे, जगह जगह खिचड़ी, कोल्डड्रिंक,आइसक्रीम, लड्डू प्रसादी वितरण
सोमवार को अपरान्ह 2 बजे सजी हुई पालकी मे सवार होकर ओंकारजी महाराज ढ़ोल धमाको के साथ कोटितीर्थ घाट पंहुचे,
विद्वान पंडितो द्वारा वेद मन्त्रोंछार के साथ पांचोपचार पूजा अर्चना सम्पन्न करवाई, महाआरती के बढ़ गुलाब ग़ुलाल उत्स्व मनाया गया।
इस अवसर पर ट्रस्ट के पदाधिकारी राजा साहब, विधायक, अन्य गणमान्य नागरिक उपस्तिथ थे
दक्षिण तट पर श्री ममलेश्वरजी की पालकी गौमुख घाट पर आई पूजा अभिषेक के बढ़ दोनों पलकियो को पवित्र नर्मदाजी मे नौका विहार कराया गया
गौमुख घाट से दोनों पालकियां नगर भृमण करने धूमधाम से रवाना हुई
श्रीममलेश्वर मंदिर, भक्त निवास ब्रम्हापुरी, डंडी आश्रम, भीलठ बाबा चौक, बालवाड़ी मैदान, पुराने बस स्टेण्ड, मुख्य मार्ग से, जे पी चौक पंहुची।
पुराने पुल से बढ़ चौक में मार्किट होकर वापिस मंदिर पंहुची
मार्ग मे हजारों भक्तो ने दर्शन कर जय जय कर करी और गुलाब के फूल ग़ुलाल उड़ाकर नारियल श्रीफल भेंट चढ़ाकर करपूर आरती करी
प्रशासन ने पुख्ता प्रबंध किये थे