बंदी की संदिग्ध मौत
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद बोस, केन्द्रीय जेल, जबलपुर में सजायाफ्ता एक बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बंदी ने इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ा है। परिजनों का आरोप हैं कि जेल में कैदी की पिटाई हुई। शरीर में चोट के निशान हैं। वहीं जेल प्रशासन ने आरोप को निराधार बताया है। फिलहाल सिविल लाइन पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। अब पूरे मामले की न्यायिक जांच होगी।
2018 मेें बना था बंदी
जानकारी के मुताबिक राजा सोनकर पिता राजेश सोनकर वारंट अनुसार 28 वर्ष निवासी खटीक मोहल्ला घमापुर थाना घमापुर को धारा 376 (2) (आई) में 13 दिसम्बर 2018 को विचाराधीन बंदी से दंडित बंदी बनाया गया था।
सांस लेने में दिक्कत, मेडिकल रेफर,
दंडित बंदी राजा सोनकर पिता राजेश सोनकर की अचानक उल्टी-दस्त होने और सांस लेने में दिक्कत होने पर जेल के पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा प्राथमिक उपचार कर तत्काल मेडिकल कालेज रेफर किया था। प्रात: 6:30 बजे जेल गार्ड की अभिरक्षा में बंदी को मेडिकल कालेज जबलपुर भेजा गया।
दो घंटेे में तोड़ा दम, मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीएम
मेडिकल कालेज जबलपुर के चिकित्सक विशेषज्ञ द्वारा दंडित बंदी राजा सोनकर पिता राजेश सोनकर को एमआईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में भर्ती कर उपचार दिया गया, मेडिकल कालेज जबलपुर के चिकित्सक विशेषज्ञ द्वारा बंदी को दो घंटे उपरांत मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पीएम हुआ।
इनका कहना है
पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होना चाहिए। जब मुलाकात के लिए जाते थे तो बेटा बताता था कि उसके साथ जेल में मारपीट हो रही है। जेल में पिटाई से बेटे की मौत हुई है। ड्यूटी अफसर की पूरी जांच होना चाहिए।
राजेश सोनकर, पिता
बंदी के कंधे, पीठ, पैर, सिर में चोट के निशान हैं, मुलाकात के दौरान भी बंदी ने बताया था कि जेल के अंदर उसके साथ मारपीट हो रही हैं।
दीपक सोनकर, भाई
बंदी को उल्टी-दस्त होने और सांस लेने में दिक्कत होने पर जेल के पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा प्राथमिक उपचार कर तत्काल मेडिकल कालेज रेफर किया था जिसकी मौत हो गई। जेल में पिटाई के आरोप निराधार है। पिटाई के कोइ निशान नहीं है पीएम हुआ है वीडियोग्राफी भी कराई गई है। बंदी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा पड़ी थी।
मदन कमलेश, जेलर