ओम्कारेश्वर : श्रावण मास के दूसरे सोमवार को ज्योतिर्लिंग ओम्कारेश्वर जी की महासवारी अपरान्ह तीन बजे मंदिर से ढोल धमाको एवम भक्तो के साथ निकली । ओंकारजी महाराज का इंद्र देव ने जल बरसाकर स्वागत किया । सजी हुई पालकी में ओंकारजी महादेव की पंच मुखी प्रतिमा विराजित थी ।
भोले शम्भू भोलेनाथ का उद्घोष करते भक्त नाचते हुवे आगे आगे चल रहे थे ।
भक्तो को दर्शन देते हुवे ओंकारजी महाराज मंदिर से निकलकर शंकराचार्य जी चोक होकर कोटितीर्थ घाट पंहुची । पवित्र नर्मदाजी के तट कोटितीर्थ। घाट पर विद्वान पंडितो द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ पूजा अभिषेक सम्पन्न करवाया । दक्षिण तट पर श्री ममलेश्वर महादेव की पालकी गौमुख घाट पर आई । महा अभिषेक के बाद दोनों पालकियों को नर्मदाजी में नोका भृमण कराया गया । गौमुख घाट से काशी विश्वनाथ होकर बालवाड़ी ,पुराने बस स्टैंड होकर रात्रि 8 बजे जे पी चोक पंहुची । पुल पार कर मेन मार्किट होकर रात्रि 10 बजे वापिस मंदिर प हुची। मार्ग में गुलाल ओर गुलाब की पंखुड़ी उड़ाकर कपूर आरती से भक्तो ने ओंकारजी महाराज का अभिवादन कर अपने को धन्य माना । शाम को ओंकारजी महाराज का भांग मेवे मावा रत्नों रूद्राक्ष मालाओ से आकर्षक श्रृंगार किया।
हजारो भक्तो ने पालकी ओर श्रृंगार के दर्शन किये