उत्तर प्रदेश के जालौन से पकड़ाया आरोपी
भाजपा संगठन मंत्री का पीए बनकर मांगे थे रुपये
भोपाल, 27 जुलाई. मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत से रुपयों की मांग करने वाले आरोपी को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है. उसे उत्तर प्रदेश के जालौन से पकड़ा गया है. आरोपी ने भाजपा संगठन मंत्री का पीए बताते हुए रावत से फोन पर पांच लाख रुपयों की मांग की थी. यह रुपये वह विजयपुर उपचुनाव में उनके लिए काम करने वाले लोगों की व्यवस्था के लिए मांग रहा था. शंका होने पर रावत ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. जानकारी के अनुसार वन मंत्री रामनिवास रावत ने बीती 19 जुलाई को पुलिस आयुक्त को एक शिकायत भेजी थी. यह टाईपशुदा शिकायत मंत्री के लेटर हेड पर भेजी गई थी. शिकायत में श्री रावत ने बताया कि मोबाईल नंबर 9285127561 से लगातार मेरे मोबाईल पर फोन आ रहे हैं. उक्त फोनकर्ता अपने आपको भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री का सचिव बताते हुए किसी व्यक्ति से बात करा रहा है. बात करने वाला अपने आपको भाजपा का राष्ट्रीय संगठन मंत्री डी. संतोष बताते हुए पैसों की मांग कर रहा है. उन्होंने उक्त नंबर को ट्रेस करते हुए पैसा मांगने वाले व्यक्ति का पता लगाकर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही करने की बात लिखी थी. पुलिस आयुक्त कार्यालय से पहुंची इस शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत के तहत दर्ज कर जांच शुरू की थी. यूपी के जालौन से पकड़ाया आरोपी मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की विशेष टीम तकनीकी आधार पर उत्तर प्रदेश के जालौन पहुंची और मोबाइल धारक राजेंद्र वर्मा (58) को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान आरोपी ने मंत्री के मोबाइल फोन करने और रुपये मांगने की बात स्वीकार कर ली है. क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि आरोपी मंत्री को फोन करने के बाद अपना मोबाइल स्विचऑफ कर लेता था. वह फोन पर बताता कि भोपाल से बोल रहा है, लेकिन उसकी लोकेशन हर बार उत्तर प्रदेश ही आती थी. मंत्री-विधायकों की चलाता था गाडिय़ां क्राइम ब्रांच की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि आरोपी कोटरा हट, जिला जालौन का रहने वाला है. वह उत्तर प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों के साथ चलने वाले प्रायवेट वाहनों में ड्रायवरी का काम करता था. इस बीच उसने उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों और नेताओं के नंबर अपने मोबाइल में सेव कर लिये थे. आरोपी ने इसके पहले ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया या नहीं, इसको लेकर पूछताछ की जा रही है.