सियासत
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने नई राजनीतिक स्थिति में खुद को ढालने का प्रयास करना शुरू कर दिया है. सज्जन वर्मा कमलनाथ कैंप के सबसे पुराने और बड़े नेता हैं. उनकी वरिष्ठता का क्रम दीपक सक्सेना के बाद आता है. दीपक सक्सेना भाजपा में हैं. इस हिसाब से कमलनाथ कैंप के सबसे महत्वपूर्ण नेता इस समय सज्जन वर्मा हैं. छिंदवाड़ा और अमरवाड़ा की हार के बाद जिस तरह से कमलनाथ ने प्रदेश में अपनी सक्रियता कम कर दी है, उससे साफ है कि वह अब राजनीति से धीरे-धीरे विदा लेने की स्थिति में हैं. उनके पूर्व सांसद पुत्र नकुलनाथ की राजनीति में उस स्तर की सक्रियता हैं ही नहीं. वैसे भी नकुलनाथ से सज्जन वर्मा की अच्छी केमिस्ट्री नहीं है. जाहिर है ऐसी स्थिति में सज्जन वर्मा ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी की ओर हाथ बढ़ाया है. जीतू पटवारी भी उन्हें आजकल हमेशा साथ रखने की कोशिश करते हैं. भोपाल की बैठकों में सज्जन वर्मा खुलकर जीतू पटवारी का पक्ष लेते हैं. इससे साफ है कि सज्जन वर्मा ने नया ठोर ठिकाना ढूंढ लिया है.