नयी दिल्ली, 23 जुलाई (वार्ता) केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को पेश आम बजट में कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास के लिये आवंटित धनराशि को लेकर कहा कि यह भारत के अमृत काल का बजट है।
श्री चौहान ने आम बजट 2024-25 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि यह बजट देश के विकास और गरीबों के कल्याण का बजट है। यह बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और विकसित भारत के संकल्प को रेखांकित करता है।
उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा है गाँव और प्राण है किसान, आज का बजट ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र की प्रगति में नये आयामों को स्थापित करेगा। एक सशक्त, समृद्ध, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में यह बजट मील का पत्थर साबित होगा।
उन्हाेंने कहा कि यह बजट विकसित भारत के संकल्प को पूरा करेगा। यह बजट किसान, महिला, युवा और गरीब लोगों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला है। यह बजट किसानों की आय को बढ़ाने, मजबूत अधोसंरचना, स्वस्थ भारत, सुशासन, युवाओं के लिये अवसर, सभी के लिये शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, समावेशी विकास का संकल्प और मजबूत करेगा।
श्री चौहान ने बताया कि प्राकृतिक खेती के मिशन में हम किसानों को प्रशिक्षित करेंगे, प्राकृतिक खेती में रसायन उर्वरक का इस्तेमाल नहीं होगा तो जो उत्पाद होगा, वह फल-सब्जी हो या अनाज, वे मनुष्य के लिये बहुत हितकारी होंगे। प्राकृतिक खेती होने से लोग बीमारियों से बचेंगे और धरती का स्वास्थ्य भी सुधरेगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजना से जो छोटे और सीमांत किसान हैं, उनकी लागत में कमी आयेगी, इनपुट डालने का मौका उन्हें इस राशि से मिलेगा। उत्पादन के ठीक दाम देने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी सुनिश्चित की गयी है और सरकार ने हाल ही में खरीफ की 14 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य की दरें जारी की हैं, उससे किसानों को ठीक दाम मिलना सुनिश्चित होगा।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के रिकॉर्ड सातवीं बार बजट में वर्ग को ध्यान में रखा गया है। सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास, इस बजट में साफ प्रतिलक्षित होता है। यह बजट नारी शक्ति के उत्थान तथा विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिये 1.52 लाख करोड़ रुपये दिये गये हैं। कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता पहली प्राथमिकता है। खेती के उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल 32 फसलों की 109 किस्में जारी होंगी। जलवायु अनुकूल फसलों के विकास पर जोर देने के लिये कृषि अनुसंधान की व्यापक समीक्षा की जायेगी।
श्री चौहान ने कहा कि दलहन और तिलहन (सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूरजमुखी) की फसलों का मिशन मोड पर उत्पादन करेंगे। फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन (मार्केटिंग) को मजबूत बनाया जायेगा, जिससे किसानों को लाभ होगा और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन में उपयोग में आने वाली वस्तुओं की लागत कम करने के लिये अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जायेगा। प्राकृतिक खेती के कारण धरती का स्वास्थ्य, आमजन के स्वास्थ्य और जलवायु पर भी अनुकूल असर होगा।
श्री चौहान ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाना, इनपुट कॉस्ट कम करने के साथ किसानों को सही दाम मिले, इसके लिये निरंतर एमएसपी की दरें बढ़ा रहे हैं, एमएसपी में लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत का लाभ जोड़कर दिया जा रहा है। किसानों को जो सुविधायें और सेवायें दी जा रही हैं, उनकी प्रक्रिया को सरल और सुदृढ़ करने के लिये हम किसानों के डाटा बेस को डिजिटल लेंड रिकार्ड से जोड़ेंगे एवं उनकी फसलों का डिजिटल सर्वे करायेंगे, इससे किसानों को होने वाली समस्याओं का निदान होगा और सारा काम पेपरलेस और कान्टैक्टलेस जरिये से हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि आज किसान को फसल ऋण के लिये कम से कम 15 से 20 दिन लग जाते हैं, नयी डिजिटल व्यवस्था से यही कार्यवाही/प्रक्रिया आधे घंटे में हो जायेगी। किसानों को इस व्यवस्था से अपनी उपज को बाजार एवं मंडी में बेचने में आसानी होगी। इस व्यवस्था को मजबूती करने की दिशा में तीन वर्षों में 11 करोड़ किसानों की जमीन और फसलों का ब्योरा दर्ज करेगी। प्रथम वर्ष में हमारी सरकार छह करोड़ किसानों को उनकी जमीन से डिजिटली जोड़ेगी और प्रथम वर्ष में 400 जिलों में उनकी फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण भी किया जायेगा। इसके साथ-साथ सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के लिए क्लस्टर भी विकसित किये जायेंगे।
श्री चौहान ने कहा कि कृषि एवं किसान के साथ ही ग्रामीण विकास के लिये बजट में बड़े निर्णय हैं। बहनों के जीवन में बदलाव लाने तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, वह महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लायेगा। ग्रामीण विकास (ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर) के लिये 2.66 लाख करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है। पीएम आवास योजना के तहत तीन करोड़ घर बनेंगे, ग्रामीण और शहरी मिलाकर, इसके लिये जरूरी आवंटन किया गया है। महिलाओं, बालिकाओं संबंधी योजनाओं के लिये तीन लाख करोड़ आवंटित किया गया है। पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान नयी योजना से पांच करोड़ जनजातीय लोगों को फायदा मिलेगा। जनजातीय समुदायों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान की शुरुआत की जायेगी। योजना के तहत आकांक्षी जिलों एवं जनजातीय बहुल ग्रामों में जनजातीय परिवारों के पूर्ण कवरेज के लिये कदम उठाये जायेंगे। इससे 63 हजार गांवों में पांच करोड़ जनजातीय लोग लाभान्वित होंगे।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने सामाजिक न्याय को चरितार्थ करने वाला सर्वव्यापक, सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी बजट पेश किया है। श्री चौहान ने कहा कि बजट में 2047 के भारत का रोड़मैप है। भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में चल रही है और सुनहरे भविष्य की ओर अग्रसर है। वर्ष 2014 के बाद से 10 वर्षों में ही भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और आने वाले दिनों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों की दृष्टि से अगर देखें, तो इसमें सभी पक्षों पर ध्यान दिया गया है, उत्पादन बढ़ाना, क्योंकि लाभ तभी होगा, जब उत्पादन बढ़ेगा, उसके लिये फल-सब्जी और अनाज की 109 नयी किस्में जारी की जायेंगी, जो जलवायु अनुकूल होगी और ग्लोबल वार्मिंग के मौजूदा खतरे में चाहे ज्यादा तापमान हो या कम पानी हो, अच्छा उत्पादन देगी। श्री चौहान ने कहा कि न केवल उत्पादन बढ़ाने की बात है, बल्कि इस बजट में लागत घटाने के प्रयत्न भी हैं, किसान क्रेडिट कार्ड हो या सस्ता ऋण हो, उनके कारण किसानों की लागत घटेगी।
उन्होंने बताया कि कृषि में डिजिटल इंफ्रा तैयार करने की बात कही गयी है, जिससे किसान कई परेशानियों से बचेंगे। विशेषकर दलहन-तिलहन का उत्पादन बढ़े और किसानों को भी ठीक दाम मिले, इसलिये उड़द, मसूर, तूर (अरहर) जो किसान पैदा करेंगे, वह पूरी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद होगी, उसके लिये समृद्धि पोर्टल भी लांच किया गया है। हमारा देश दलहन और तिलहन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बने, इस बात का प्रयत्न किया जायेगा।
श्री चौहान ने कहा कि बजट में गरीबों के और मकान बनाने का फैसला किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों के दो करोड़ घर बनेंगे, गरीबों के लिये बजट नवजीवन है। महिला सशक्तिकरण करना और गरीब बहनों को लखपति बनाने का अभियान हाथ में लिया गया है। प्रधानमंत्री जी का जो तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का संकल्प है, वह इस बजट के माध्यम से साकार होगा। उन्होंने कहा कि इस बजट में ग्रामीण युवाओं के कौशल विकास पर भी ध्यान दिया गया है। दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के तहत ट्रैनिंग दी जाएगी और जो युवा प्रशिक्षित होंगे, उन्हें रोजगार से जोड़ने का काम किया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों में देखें तो 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, वहीं फर्टिलाइजर सब्सिडी 1.64 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है, वह अलग से है। कृषि और किसानों के लिये काफी राशि रखी गयी है और ग्रामीण विकास की दृष्टि से भी देखें तो ग्रामीण विकास सेक्टर के लिये कुल 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में सरकार ने विकसित भारत के लिये नौ प्राथमिकतायें रखी हैं, जिसमें पहली प्राथमिकता कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन है। उन्होंने कहा कि 400 जिलों में फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण के साथ ही पांच राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जायेंगे। इसके अलावा एफपीओ, सहकारी समितियों और स्टार्ट- अप्स को बढ़ावा देंगे।