उमरिया। प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम आते ही डॉ मोहन यादव की सरकार ने प्रथम आदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये तेंदूपत्ता विक्रय का दर तीन हजार रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये प्रति मानक बोरा दर तय करके श्रमिकों का सम्मान बढ़ाया था |
वहीँ परिवार की परवरिश के लिये गरीब मजदूर भारी धूप, हिंसक पशु युक्त घनघोर जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने का काम किया करते हैं, जो अपने प्राणों का परवाह न करते हुये रात्रि से ही पत्ता l तोड़ने के लिये घर से निकल जाया करते हैं, उन्हे पत्तों को फड़ों में विक्री कर के वापस घर पहुंचने में भी रात्रि हो जाया करती है, कई मजदूर महिलायें अपने गर्भ में पल रहे शिशु को भी अपने सांथ वन में दर दर घुमाया करते हैं तो कई अविभावक अपने बच्चों को भूंखे घरों में भगवान भरोसे छोड़ कर वन चले जाया करते हैं, इसके बाद भी इन श्रमिकों को समय पर यदि मजदूरी और बोनस राशि न मिले तो ऐसे गरीबों पर क्या बीतती होगी ?
मई 2024 में तोड़वाया गया तेंदूपत्ता की मजदूरी का वितरण आज दिनांक तक नहीं हो पाया है, यह दयनीय स्थिति उमरिया जिला के मानपुर रेंज के गोबराताल, सरमनियां, छपरौड़ जैसे कई समितियों का मजदूरी भुगतान नहीं हुआ है। इसी तरह इस क्षेत्र के श्रमिकों को सन् 2023 की बोनस राशि का वितरण भी अभी तक नहीं हुआ है। जिससे श्रमिक बड़े निराश और परेशान रहते हैं।