नयी दिल्ली 22 जुलाई (वार्ता) आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि कार्यबल में युवाओं और महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी से बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीमारमण ने सोमवार को संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा कि देश में युवा एवं महिला आबादी का सदुपयोग करने का बेहतरीन अवसर है। बेरोजगारी दर वर्ष 2022-23 में घटकर 3.2 प्रतिशत रह गई।
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अनगिनत आर्थिक सुधार, प्रौद्योगिकी की दिशा में हुई उल्लेखनीय प्रगति और कौशल विकास पर विशेष जोर देने से रोजगार परिदृश्य में सुधार हुआ है। बेरोजगारी की दर में कोविड-19 महामारी के समय से ही निरंतर कमी देखने को मिल रही है और इसके साथ ही श्रम बल भागीदारी दर में वृद्धि दर्ज की गई है।
महिला कार्यबल स्व-रोजगार की ओर उन्मुख हो रहा है जबकि पुरुष कार्यबल की हिस्सेदारी स्थिर बनी हुई है। कृषि उत्पादन की निरंतर ऊंची वृद्धि दर, पाइप से पेयजल, स्वच्छ रसोई ईंधन एवं स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का व्यापक विस्तार होने से अब पहले के मुकाबले महिलाओं का कहीं ज्यादा समय बच पा रहा है।
आर्थिक समीक्षा के अनुसार संगठित विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर बेहतर होकर अब महामारी पूर्व स्तर से भी अधिक हो गई है और इसके साथ ही पिछले पांच वर्षों के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरी वृद्धि दर अपेक्षाकृत अधिक रही है। वित्त वर्ष 2014-15 से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति कामगार की मजदूरी प्रतिशत 6.9 प्रतिशत बढ़ी, जबकि शहरी क्षेत्रों में मजदूरी प्रतिशत 6.1 प्रतिशत ही बढ़ी है।
कारखानों में 40 प्रतिशत से भी अधिक रोजगार अवसर तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र में सृजित हुए। इसके विपरीत वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2021-22 के बीच सर्वाधिक रोजगार वृद्धि ऐसे राज्यों में दर्ज की गई जिनकी कुल युवा आबादी में अपेक्षाकृत अधिक हिस्सेदारी है और जिनमें छत्तीसगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।