वार्डो में पहुंच मरीजो से व्यवस्थाओं के बारे में किया पूछतांछ, प्रस्तावित क्रिटिक्ल हॉस्पिटल के बारे में किया चर्चा
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 23 मार्च। नवागत कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने आज दिन शनिवार की दोपहर करीब 11:40 बजे जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर का औचक निरीक्षण करने पहुंच गयें। इस दौरान जिला चिकित्सालय के स्वास्थ्य कर्मियों में कलेक्टर के दस्तक देने की खबर से हड़कंप मच गया।
ज्ञात हो की जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर की चिकित्सकीय व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। यहां अधिकांश चिकित्सक जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर में सेवाएं कम दे रहे हैं और ज्यादातर समय अपने क्लिनिक एवं नर्सिंग होम में दे रहे हैं। जिसको लेकर लगातार शिकायते भी होती रहती हैं। एक पखवाड़े तक जिला चिकित्सालय के कई चिकित्सक सुर्खियों में बने थे। साथ ही इसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टर अरूण परमार के यहां भी पहुंची थी। उन्होंने एसडीएम सिंगरौली को जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण करने के लिए निर्देशित किया था। इसी दौरान कलेक्टर का तबादला भी हो गया और लोसचुनाव के लिए बिगुल भी बच गया। जिसके चलते औचक निरीक्षण मामला खटाई में पड़ गया था। इधर नवागत कलेक्टर चन्द्रशेखर शक्ला ने आज दिन शनिवार को करीब 11:40 बजे अचानक जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर पहुंच गये। बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने सबसे पहले ओपीडी , बच्चा वार्ड, इमरजेंसी वार्ड समेत कई अन्य वार्डो का औचक निरीक्षण करते हुये वार्डो में भर्ती मरीजो से मिल कर मिलने वाली सुविधायों एवं व्यवस्थाओं के बारे में पूछतांज की है। जहां मरीजो ने सुलभ व्यवस्थाओं पर संतुष्ट भरा जवाब दिये। इस दौरान कलेक्टर ने दवाइयों के संबंध में भी जानकारी हासिल करते हुये प्रस्तावित क्रिटिक्ल अस्पताल के कामकाज के बारे में जानकारी हासिल की। कलेक्टर के साथ में एसडीएम सृजन बर्मा, प्रभारी सिविल सर्जन, डॉ. कल्पना रवि सहित अन्य चिकित्सक साथ रहे।
गार्डो को दिहाड़ी मजदूरो से भी कम पारिश्रमिक मानदेय
जिला चिकित्सालय में लगातार 8 घण्टे से अधिक समय तक ड्यूटी करने वाले निजी सुरक्षा गार्डो को दिहाड़ी मजदूरो के बराबर भी पारिश्रमिक भुगतान संविदाकार प्रार्थमा नेशनल सिक्योरटी के द्वारा नही किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय परिसर में कार्य करने वाले सुरक्षा गार्डो को केवल 7 हजार रूपये महीने में दिया जा रहा है। इनका आरोप है कि संविदाकार गार्डो का पीएफ नही काट रहा है और न ही पीएफ स्लीप भी नही दे रहा है। भुगतान भी किसी तरह दूसरे-तीसरे महीने किया जा रहा है। शिकायतों का भी कोई असर नही पड़ रहा है। शिकायतकर्ताओं हटा देने की धमकी दी जाती है। यही दर्द सफाई कर्मियों का है। उन्हें महीने में केवल 8 हजार रूपये भुगतान किसी तरह किया जाता है। साथ ही यहां का श्रमविभाग गतिविधि न के बराबर है। चर्चित लिपिक एवं श्रम निरीक्षक अपने हितार्थ काम काज कर रहे हैं। शोषण करने वाले ठेकेदारों पर बड़ा दिल दिखा रहे हैं।
कलेक्टर ने जब लैब एवं डायलिसिस कक्ष पहुंचे..
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री शुक्ला ने चिकित्सालय में भर्ती मरीजो के कक्ष में पहुंचकर उनका हाल चाल जाना एवं उपस्थित चिकित्सकों को निर्देशित किया कि भर्ती मरीजो को बेहतरीन चिकित्सा प्रदान करें। उन्होंने डायलिसिस रूम, आरटीपीसी आर लैब सहित विषाणु विज्ञान और आण्विक जीव विज्ञान अनुसंधान प्रयोगशाला का भी अवलोकन किया एवं प्रयोगशाला में किये जाने वाले जांचों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर व्यवस्थाओं में सुधार लाने का सुधार दिये ताकि मरीजो का सुविधाजनक जॉच हो सके। उन्होंने साफ -सफाई व्यवस्था कराने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि ओपीडी में चिकित्सक निर्धारित समय पर उपस्थित रहे तथा चार्ट के अनुसार समय-समय पर डॉक्टर वार्डों का राउन्ड लगाकर भर्ती मरीजो का ईलाज करें।