ब्लास्टिंग से मकानों को क्षति हुई तो परियोजना देगा मुआवजा: शुक्ला

जिला प्रशासन एवं कोयला परियोजनाओं के संयुक्त बैठक के बाद कार्रवाई विवरण हुआ साझा

सिंगरौली : कलेक्ट्रोरेट सभागार में पिछले सप्ताह कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला के अध्यक्षता में कोयला परियोजनाओं के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में विस्फोट पदार्थो के उपयोग की प्रक्रिया, ब्लास्टिंग का समय एवं तीव्रता की समय निर्धारण सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई थी।बैठक में एसपी, एडीएम, एसडीएम एवं एनसीएल परियोजनाओं के अधिकारीगण उपस्थित थे। उक्त बैठक की कार्रवाई विवरण आज साझा कर सार्वजनिक कर दी गई है। बैठक में लिये गये निर्णय के बारे में कलेक्टर स्पष्ट कर दिया है।

जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह 10 जुलाई को जिला प्रशासन एवं कोल परियोजनाओं के संयुक्त बैठक में लिये निर्णय के अनुसार कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिले में कार्यरत समस्त कोयला परियोजनाएं मध्यम गति की नियंत्रित ब्लास्टिंग करें। जिले में ब्लास्टिंग के लिए दोपहर बाद 1 बजे से 2 बजे तक का समय निर्धारित है। उक्त समय में सभी परियोजनायें ऐसी व्यवस्था बनायें कि परियोजनाओं की ब्लास्टिंग से कोई व्यक्ति प्रभावित न हो। विद्यालय के छात्रों का उक्त अवधि लंच के लिए नियत रहता है।

मुख्यत: जयंत और सासन परियोजना घनी आबादी क्षेत्र में होने के कारण उनका ब्लास्टिंग का समय अपने उच्चाधिकारियों से चर्चा उपरांत परिवर्तित करना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार सुलियरी कोल माइंस के 500 मीटर के समीप घनी आबादी निवासरत है। जहां ब्लास्टिंग कार्य किये जाने पर परियोजना के समीप संचालित विद्यालय के छात्रों एवं आम लोगों की आम दिनचर्या पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उक्त परियोजनाएं कोयला उत्खनन के लिए नियंत्रित कम तीव्रता ब्लास्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें। समस्त कोयला परियोजनायें ब्लास्टिंग के लिए नियत समय पर ब्लास्टिंग के आधे घण्टे पूर्व आसपास के आबादी क्षेत्र में जाकर वहां निवासरत लोगों को यह चेतावनी दें कि वे ब्लास्टिंग होने तक घर से बाहर न निकलें एवं सायरन बजाकर लोगों को ब्लास्टिंग की सूचना प्रदान करें।
ब्लास्टिंग की सूचना उप खण्ड अधिकारी को देना होगा
कलेक्टर ने निर्देशित किया है कि जिले की समस्त कोयला परियोजनाओं को निर्धारित समय पर ब्लास्टिंग किये जाने की सूचना संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को प्रदान किया जाना अनिवार्य होगा। जिले के अंतर्गत संचालित एनसीएल परियोजनाओं तथा निजी क्षेत्र की अन्य कोयला परियोजनाओं को उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। अगर किसी परियोजना के द्वारा उक्त निर्देशों के पालन नहीं किया जाता है अथवा पालन किये जाने में लापरवाही बरती जाती है तो संबंधित परियोजना के स्थानीय प्रबंधक को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी मानते हुये उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। कलेक्टर ने कड़े शब्दों में कहा है कि उक्त निर्देशों का शत प्रतिशत पालन हो।

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