सोमनाथ/अहमदाबाद, 26 फरवरी (वार्ता) गुजरात में महाशिवरात्रि के अवसर पर बुधवार को सोमनाथ, पातणेश्वर सहित सभी शिवालयों में हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़े।
भगवान शिव के 12 में से प्रथम ज्योर्तिलिंग सोमनाथ मंदिर, देवभूमि द्वारका जिले में स्थित एक अन्य ज्योर्तिलिंग मंदिर नागेश्वर मंदिर समेत छोटे बड़े शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की कतार लगी हुई है। मिनी कुंभ का दर्जा प्राप्त जूनागढ़ के गिरनार के निकट आयोजित पांच दिवसीय भवनाथ मेले का आज अंतिम दिन है और मध्य रात्रि में होने वाले नागा बाबाओं के जुलुस के लिए भक्तों की भारी भीड़ रहेगी। गिर के जंगल के बीच स्थित साल में दो बार ही खुलने वाला पातणेश्वर महादेव मंदिर महाशिवरात्रि पर्व पर आज से सात दिनों के लिए खुला रहेगा।
राज्य के भुज, गांधीधाम, जूनागढ़, जामनगर, राजकोट, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत समेत सभी शहरों, गांवों में भी शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त पूजा और अभिषेक करते देखेे गए।
उल्लेखनीय है कि पातणेश्वर महादेव मंदिर शिव भक्तों के हर-हर महादेव के नाद के साथ आज महाशिवरात्रि पर्व पर पूजा और दर्शन के लिए खोला गया। श्रद्धालु सात दिनों तक मंदिर में पूजा-दर्शन कर प्रसाद ग्रहण करेंगे। गिर-सोमनाथ जिले के उना से 25 कि.मी. और बाबरिया से सात कि.मी. पर जंगल के बीच स्थित होने के कारण यह मंदिर साल में दो बार, सावन माह में और महाशिवरात्रि पर्व पर सात दिनों के लिए ही खुलता है। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत प्रतिबंधित वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में होने से इस शिव मंदिर में दर्शन-पूजा के लिए शिव भक्तों को वन विभाग से इजाजत लेनी पड़ती है। वन विभाग के कर्मी सात दिनों तक श्रद्धालुओं को सूर्योदय से सूर्यास्त की परमिट निशुल्क देते हैं।