जनसुनवाई में किसान को लोट लगाते हुए देख रहे थे, कलेक्टर बोले- यह संवेदनहीनता, प्रशासन की छवि धूमिल हुई
मंदसौर। मंदसौर में मंगलवार को जनसुनवाई में आए किसान ने लोट लगाई थी। लोट लगाते समय हथकरघा विभाग के बाबू वहीं, पर खड़े थे। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने इसे बाबू की संवेदनहीनता माना और गुरुवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया। कलेक्टर ने कहा- वायरल वीडियो से प्रशासन की छवि धूमिल हुई है।
16 जुलाई को जनसुनवाई के दौरान किसान शंकरलाल पिता फूलचंद (65) निवासी साखतली तहसील सीतामऊ शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। वे यहां बरामदे में लोट लगाने नजर आए थे।
वायरल वीडियो में हथकरघा विभाग में पदस्थ तृतीय श्रेणी सहायक राजेश विजयवर्गीय भी नजर आ रहे हैं। वे लोट लगा रहे किसान के साथ-साथ चल रहे थे।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि एक शासकीय सेवक होने के नाते विजयवर्गीय का यह कर्तव्य था कि वे आवेदक को न सिर्फ ऐसा करने से रोकते, बल्कि उसे उठाकर अपने साथ कलेक्टर के समक्ष लेकर आते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, बल्कि उसे देखते हुए नजर अंदाज करते हुए अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दिया और किसान की समस्या सुने बिना ही सभाकक्ष में जाकर बैठ गए, जबकि वे विभाग का प्रतिनिधित्व करते हुए जनसुनवाई में मौजूद थे।
आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक शासकीय सेवक से यह अपेक्षा की जाती है कि वह ऐसे मामलों में संवेदनशीलता एवं मानवीयता का परिचय दे। आवेदक के साथ-साथ चलना, उसे रोकने के लिए कोई प्रयास न करना, विजयवर्गीय की शासकीय सेवक के दायित्वों, कर्तव्य के प्रति असंवेदनशीलता, लापरवाही एवं उदासीनता को प्रदर्शित करता है, जिससे प्रशासन की छवि धूमिल हुई है।
इसी के चलते हथकरघा विभाग के सहायक ग्रेड 3 के राजेश विजयवर्गीय को सिविल आचरण सेवा अंतर्गत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय जिला पंचायत मंदसौर रहेगा।
जमीन मामले में सुनवाई नहीं होने से गुस्से में थे किसान
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मंगलवार को जनसुनवाई में किसान शंकरलाल पाटीदार को लोट लगाते देखकर एसडीएम व डिप्टी कलेक्टर उन्हें उठाकर जनसुनवाई कक्ष में ले गए थे। किसान पाटीदार ने बताया कि 14 साल से अधिकारियों के चक्कर काट रहा हूं और 25 से ज्यादा बार जनसुनवाई में आ चुका हूं।
सीएमओ व पीएमओ तक अपनी शिकायत पहुंचा चुका हूं, लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है। किसान ने अपने आवेदन में बताया कि गांव सुरखेड़ा में मेरी कृषि भूमि सर्वे क्रमांक 604 व 625 है, जिसे धोखे से कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू देशमुख ने अपने बेटे अश्विनी देशमुख के नाम कर ली है।
परिजनों ने 2010-11 में करवा दिया नामांतरण
सीतामऊ तहसीलदार मनोहरलाल वर्मा ने बताया कि आवेदक व इसके परिवार के लोगों की संयुक्त भूमि का मामला है। परिजनों ने उक्त भूमि को 2010 में विक्रय कर नामांतरण भी करवा दिया है। आवेदक विक्रय की हुई भूमि पर अपना कब्जा जता रहे हैं।