आज देवासयनी एकादशी पर हजारों महिलाएं ओंकारेश्वर आएंगे व्यवस्थाएं पुखता होना चाहिए ।

ओंकारेश्वर:इसके लिए नगर परिषद सीएमओ संजय गीते ने बताया कि पानी का सप्लाई दो बार किया जाएगा घाटों पर और रास्तों पर बिजली की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी।और सफाई के लिए भी अतिरिक्त कर्मचारी श्रावण मास में लगाया जा रहे हैं।आज महिलाएं हजारों की तादाद में ओंकारेश्वर पहुंचते हैं और भजन कीर्तन घाट बस स्टैंड पर मैदानों में करते हैं,रात्रि जागरण करके ओंकार पर्वत की परिक्रमा कर प्राचीन मंदिरों के दर्शन पर पुण्य लाभ लेती है ।

परिक्रमा मार्ग में एक सट्टे का काम चलाया जाता है जिसमें चकरी और ताश के खेल से यात्रियों को भ्रमित कर उनसे उनकी जेब का पैसा लूट लिया जाता है ।प्रशासन को पुलिस को इस पर ध्यान देना चाहिए और परिक्रमा मार्ग में पुलिस की ड्यूटी लगाई जाना चाहिए,संगम घाट पर अच्छी खासी भीड़ एकादशी पर होगी मोहर्रम की छुट्टी होने से बुधवार एकादशी पर अच्छी खासी भीड़ होने की संभावना है ।सुरक्षा नाव हर घाट पर लगाने की आवश्यकता है देव शयनी एकादशी से श्रवण शुरू माना जाता है किंतु प्रशासन ने अभी तक कोई भी बैठक नागरिकों को साथ जनप्रतिनिधियों के साथ पत्रकारों के साथ नहीं करी है जिसमें सुझाव दिए जा सके।

मंदिर ट्रस्ट द्वारा भी श्रवण मास में निकलने वाली महा सवारी के लिए भी कोई बैठक अभी तक नहीं हुई है ।गर्भ ग्रह छोटा होने से सबसे बड़ी परेशानी दर्शन करके जल्दी से जल्दी निकालने की है ।इसमें कुछ सुधार किया जाना आवश्यक है जिसे जल्दी से जल्दी भक्त लोग दर्शन करके बाहर निकल सके ।हजारों की तादाद में आने वाले भक्तों को दर्शन हो सके कई भक्त बिना दर्शन के ही वापिस निकल जाते हैं।

क्योंकि लंबी लंबी लाइन लगी रहती है बारिश को देखते हुए प्रशासन को कुछ ऐसे स्थान का भी चयन करना आवश्यक है जहां बारिश के समय भक्तों को रुकवाया जा सके।
धर्मशालाएं होटल फुल होने के बाद का गरीब वर्ग के और मध्यम वर्ग के भक्त जो है बाहर मैदान में ही सोते हैं स्कूल प्रतीक्षालय एवं सामुदायिक केदो मांगलिक भवनो का उपयोग इसके लिए किया जाना आवश्यक है। ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मंदिर के नीचे स्थित मार्केट में अग्रवाल धर्मशाला को गिराने का कार्य चल रहा है इसी कारण से मार्ग को बंद करके घाट के पुल से निकाला जाता है इस कार्य को भी जल्दी से करके सावन के पहले बाजार का मार्ग खोल दिया जाना चाहिए।

जिससे कि यात्रियों को मंदिर जाने में सुविधा और लाइन लगाना में सुविधा हो ।और उनको दुकानों के आगे लगे बरसाती से पानी में भिगने से बचाव हो धर्मशाला वाले रास्ते को फिर चालू करना आवश्यक हो गया है वैसे धर्मशाला का आगे का भाग गिरा दिया गया है अब ऐसा कोई खतरा नहीं है जिससे कि किसी प्रकार की हानि हो सके।
जूते चप्पल स्टैंड बड़े चौक पर फिर से शुरू होना चाहिए जिससे वहां उतारने के बाद वापस लौटकर वहां से यात्री ले सके

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