मोटे अनाज का बढ़ाया गया बोनी का रकवा, कोदौ पर फोकस

जिले में 266210 हेक्टेयर में होगी धान की खेती, जिले में इस वर्ष 364170 हेक्टेयर में होगी खरीफ की बोनी

नवभारत न्यूज

रीवा, 8 जुलाई, किसान खाद बीज रखकर झमाझम बारिश का इंतजार कर रहा है. बोनी के तैयारी के बीच बारिश ने धोखा दे दिया है. जिसके चलते किसान खरीफ की बोनी नही कर पा रहा है. इस बार जिले में 364170 हेक्टेयर में खरीफ की बोनी होगी. मिलेट मिशन के तहत मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जा रहा है.

कौदौ के क्षेत्र में गत वर्ष अच्छी वृद्धि हुई थी जिसके चलते इस बार कोदौ का क्षेत्रफल बढ़ाया गया है. वही रीवा में अब सोयाबीन की खेती में किसान रूचि नही ले रहे है फिर भी 960 हेक्टेयर में सोयाबीन बोनी का अनुमान है. गौरतलब है कि आषाढ़ धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और अच्छी बारिश जिले में अभी तक नही हुई. जिसको लेकर किसान परेशान है. खरीफ की बोनी को लेकर किसानो ने तैयारी शुरू कर ली है पर वर्षा न होने से किसान रूके हुए है. हालाकि कई जगह बोनी शुरू हो चुकी है. धान की रोपाई के लिए उसकी नर्सरी तैयार कर ली गई है. किसानों को तेज वर्षा का इंतजार है. खेतों में पर्याप्त पानी आने के बाद धान की रोपाई का कार्य शुरू हो जाएगा. वर्ष 2024 में जिले में कुल तीन लाख 64 हजार 170 हेक्टेयर क्षेत्र में बोनी का लक्ष्य रखा गया है. इसमें सर्वाधिक दो लाख 66 हजार 210 हेक्टेयर में धान की बोनी होगी. जिले में 3940 हेक्टेयर में ज्वार, 1100 हेक्टेयर में मक्का, 1380 हेक्टेयर में बाजरा की बोनी का लक्ष्य रखा गया है. इस संबंध में उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने बताया कि मिलेट मिशन के तहत श्री अन्न यानी मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. गत वर्ष कोदौ के क्षेत्र में अच्छी वृद्धि हुई. इस वर्ष 5350 हेक्टेयर में कोदौ की खेती का अनुमान है. जिले में इस वर्ष 21450 हेक्टेयर में अरहर, 20400 हेक्टेयर में मूंग, 27730 हेक्टेयर में उड़द तथा 15650 हेक्टेयर में तिल की बोनी का लक्ष्य रखा गया है. सोयाबीन में अभी भी किसान रूचि नहीं दिखा रहे हैं. लगभग 960 हेक्टेयर में सोयाबीन की बोनी का अनुमान है. हालाकि अब रीवा में सोयाबीन की खेती बहुत कम होती है.

जिले में उपलब्ध है 15866 टन यूरिया तथा 5940 टन डीएपी

आगामी खरीफ फसल के लिए सहकारी समितियों तथा निजी विक्रेताओं के माध्यम से किसानों को खाद की आपूर्ति की जा रही है. सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है. उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने इस संबंध में बताया कि जिले में वर्तमान में 15866.28 टन यूरिया तथा 5940.90 टन डीएपी उपलब्ध है. इसके साथ-साथ 3276.75 टन एनपीके, 41.75 टन एमओपी तथा 5292.40 टन सिंगल सुपर फास्फेट भण्डारित है. आगामी एक माह तक जिले को नियमित रूप से खाद के रैक प्राप्त होंगे. खरीफ फसल में कुल 58 हजार 500 टन खाद के उपयोग का अनुमान है.

Next Post

जहर खाने से हुई महिला की मौत, मायके पक्ष ने लगाया आरोप

Mon Jul 8 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email नवभारत न्यूज रीवा, 8 जुलाई, रीवा में इलाज के दौरान सोमवार को एक विवाहिता की मौत हो गई. महिला ने जहर खा लिया था जिसे गंभीर हालत में संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनो ने […]

You May Like