लम्हों ने खता की और सजा सदियों ने पाई-मालवीय

इंदौर:भारत तिब्बत समन्वयी संघ के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में 22 राज्यो से जुड़े राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल हुए। सत्र के दूसरे दिन भारत तिब्बत समन्वय संघ के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा लघु रैली के रूप में इंदौर के हृदय स्थल राजबाडा के सामने देवी अहिल्या की प्रतिमा पर माल्या अर्पण करते हुए कैलाश मानसरोवर मुक्ति के लिए संकल्प लिया। रैली के दौरान साधु संत भी उपस्थित रहे।
दो प्रस्ताव पारित हुए
राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान दो प्रस्ताव ध्वनि मत्स्य पारित किए गए प्रथम प्रस्ताव में चीन से जुड़ी वस्तुओं का पूर्णतः बहिष्कार करना चाहे वह भारत में बनी हो या चीन से आयात की जा रही हो उन वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। दूसरेप्रस्ताव में 22 जुलाई से श्रावण मास आरंभ हो रहा है। उसी दिन से प्रत्येक प्रांत से 1000 संकल्प पत्र भरे जाएंगे संकल्प पत्र एक परिवार में एक रहेगा बाकी सदस्यों की संख्या इस संकल्प पत्र में शामिल रहेगी संकल्प करने वाले प्रत्येक सदस्य का ₹5 शुल्क रखा गया है। यह जिम्मेदारी शीघ्र ही प्रांत प्रमुख को दी जाएगी। शिविर के दूसरे दिन उज्जैन क्षेत्र के पूर्व सांसद एवं वर्तमान विधायक चिंतामणि मालवीय विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने 40 मिनट के उद्बोधन के दौरान उन्होंने भारत तिब्बत समन्वयी संघ के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब समय आ गया है।

कैलाश मानसरोवर स्थान मुक्ति का साथ ही बताया कि किस प्रकार आजादी के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की गलतियों के कारण हमने अपने सबसे अच्छे पड़ोसी को जानबूझकर दूर किया साथ ही बताया कि लम्हों ने खता की और सजा सदियों ने पाई उसे वक्त तिब्बत भारत को अपना धर्म भाई मानता हे ।और पूरी तरह से भारत की ओर आने के लिए समर्पित रहा लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने अपनी कूट रचित नीतियों के तहत तिब्बत को चीन के सहारे छोड़ दिया अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी कई बार ऐसे मौके आए लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने तिब्बत को कोई भी महत्व नहीं दिया।

उनकी पार्टी की विचारधारा भी यही चाहती है लेकिन अब समय आ गया है कि राष्ट्रीय विचारधारा वाले लोग सत्ता में है। इसलिए पूरे देश में यह आंदोलन होना चाहिए कि सामरिक दृष्टि से और अखंड भारत की दृष्टि से भी तिब्बत का विलय भारत में होना चाहिए। साथ ही तिब्बत वासी जहां भी भारत में व्यवसाय करने या अन्य कार्य से आए तो उनका सम्मान भारतवासियों को करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने करते हुए बताया कि भारत तिब्बत समन्वय संघ अपनी ओर से पुरजोर पहल करेगा की शीघ्र ही कैलाश मानसरोवर के दर्शन सुलभ हो जाए। इस दौरान मंचासीन भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश रत्न पारखी जी ने कहां की हमारा संकल्प व्यर्थ नहीं जाएगा हमें निश्चित इस दिशा में सफलता मिलेगी वर्तमान में मोदी सरकार के प्रयासों से हम कैलाश मानसरोवर के शिखर दर्शन आसानी से कर सकते हैं शीघ्र ही परिक्रमा भी होगी और संतुष्ट दर्शन भी होंगे। कार्यक्रम के अंत में मालवा प्रांत से जुड़े सभी आयोजक और प्रायोजकों का अतिथियों द्वारा स्वागत किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा भी की गई।
राष्ट्रीय चिंतन बैठक में बाहर से आए अतिथियों को स्मृति पत्र दिए गए
बैठक का समामंच का संचालन भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रकाश रत्नपारखी ने किया। महामंत्री राजो मालवीय ने आगामी सावन मास में मानसरोवर की मुक्ति हेतु महा संकल्प अभियान देश भर में चलाने हेतु योजना पर चर्चा की और जिला अध्यक्ष प्रिन्सपाल टोंग्या ने आए हुए अतिथियों के पुष्पों से स्वागत किया व इस अवसर पर देशभर से आए प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। बैठक सुचारू रूप से संपन्न कराने हेतु प्रांत के शिवेंद्र तिवारी , निर्माण सोलंकी, इंदौर जिला अध्यक्ष प्रिन्सपाल टोंग्या, मनोज जोशी , राजाभाऊ बधा ,श्रीमती शोभा गोस्वामी , आरती जायसवाल , अनीता कटारिया का मंच पर सम्मान किया गया आभार भारत तिब्बत समन्वय संघ के प्रांत अध्यक्ष शिवेंद्र तिवारी ने माना।

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