ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई के छात्रों ने कुलसचिव के चेंबर के बाहर नोटों की बारिश कर अनूठा प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के छात्रों ने यह प्रदर्शन बीएड, नर्सिंग कॉलेज की मान्यता घोटाले को लेकर किया है। यूनिवर्सिटी में छात्रों द्वारा किए गए प्रदर्शन और नोट लुटाने का वीडिया सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। प्रदर्शन के दौरान लुटाए गए नोट नकली थे, जो बच्चों के खेलने के लिए होते हैं। एनएसयूआई का कहना है कि उन्होंने सांकेतिक नोटों की वर्षा कर जेयू प्रबंधन को एक मैसेज देने का काम किया है।
मध्यप्रदेश में अपात्र कॉलेजों को मान्यता देने को लेकर एनएसयूआई के छात्र-छात्राओं ने बुधवार को जीवाजी यूनिवर्सिटी में हल्ला बोल प्रदर्शन किया। छात्रों ने कुलसचिव के चेंबर के बाहर नकली नोट उड़ाकर प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने कुलसचिव को भ्रष्ट बताया और विश्वविद्यालय में नोट उड़ाओ प्रदर्शन किया। एनएसयूआई छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने अपात्र बीएड और डीएड सहित नर्सिंग कॉलेजों को बिना जांच व आधार के मान्यता दी है। जिसमें साफतौर पर भ्रष्टाचार होता नजर आया है। जिसके खिलाफ एनएसयूआई छात्र संगठन ने यह प्रदर्शन किया है। बुधवार को अचानक एक दर्जन से अधिक छात्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अरुण सिंह के चेंबर के बाहर पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराते हुए नकली नोटों को उड़ाना शुरू कर दिया। प्रदर्शन करने पहुंचे एनएसयूआई छात्र नेता वंश माहेश्वरी का कहना था कि 29 मई को एसटीएफ ने जीवाजी यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त करने वाले अंचल के 6 कॉलेज के खिलाफ धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज तैयार करना और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। ऐसे ही अपात्र और कागजों में संचालित होने वाले कॉलेज को भ्रष्टाचार के रुपयों के लालच में फिर से विश्वविद्यालय मान्यता देने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की छात्रों के भविष्य से ज्यादा अपनी जेब भरने की मंशा बन गई है। इसलिए सांकेतिक रूप से नकली नोट उड़ाकर एनएसयूआई ने अपना विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि यदि विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों को रुपयों का इतना लालच है तो एनएसयूआई के सभी छात्र अपनी पॉकेट मनी से रुपया इकट्ठा कर विश्वविद्यालय को दे देंगे, लेकिन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हरगिज नहीं होने देंगे।