किस्त नहीं चुकाने तक वाहन मालिक है बंधक

हाईकोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका

जबलपुर। वाहन बेचने के बाद उसका उपयोग डकैती की घटना में किये जाने पर प्रकरण में आरोपी बनाए गए व्यक्ति ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता ने वाहन फाइनेंस करवाया था। फाइनेंस कंपनी के एनओसी के बिना ही याचिकाकर्ता ने वाहन बेच दिया था। एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि किस्त नहीं चुकाने तक जिसके नाम वाहन फाइनेंस हुआ है, वह बंधककारी रहता है।

उमरिया निवासी बृज किशोर शर्मा की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उनसे महेन्द्र फाइनेंस कंपनी से गाड़ी फाइनेंस करवाई थी। फाइनेंस कराये गये वाहन को उसने राजेश कुमार रैदास नामक व्यक्ति को बेच दिया था। इसके बाद उक्त गाडी का उपयोग डकैती की वारदात में किया गया। पुलिस ने प्रकरण में उसे भी आरोपी बना लिया है। इस संबंध में उसने पुलिस अधीक्षक उमरिया के समक्ष आवेदन भी किया। आवेदन के साथ वाहन बेचने का इकरारनामा भी प्रस्तुत किया था।

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