भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में दो टूक शब्दों में कहा कि चीन भारतीय सीमा पर शांति भंग करने की लगातार कोशिशें करता है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी साफ तौर पर कहा है कि जो देश भारत को अपना दुश्मन समझते हैं वो समझ लें कि हमारी सेनाएं हर दृष्टि से पराक्रम दिखाने के लिए सक्षम और तत्पर हैं. दरअसल भारत की समस्या पाकिस्तान नहीं, बल्कि चीन है. चीनी की विस्तारवादी नीतियों से सारी दुनिया परेशान है. भारत को भी चीन से सावधान रहने की आवश्यकता है. यह संतोष की बात है कि कूटनीतिक और सामरिक रूप से भी भारत चीन को बराबरी से जवाब दे रहा है.दरअसल, चीन के साथ पिछले समय जो तनाव शुरू हुआ था वह अभी तक समाप्त नहीं हुआ है. लेकिन भारतीय सेना हर दृष्टि से सक्षम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश की सेला टनल को लोकार्पित करने वाले हैं. इस सुरंग के बनने से भारतीय सेवा किसी भी समय तवांग पहुंच सकती है. यानी ठंडे मौसम में भी अब सडक़ यातायात प्रभावित नहीं होगा. यह टनल चीन सीमा तक पहुंचने के लिए प्राकृतिक रास्ते सेला दर्रे से 4200 मीटर तक खुदाई करके बनाई गई है. सेला दर्रा जहां कुछ माह बर्फ से ढके रहने के कारण बंद रहता है वहीं सेला टनल पूरे वर्ष आवागमन के लिए खुली रहेगी.
इस टनल की मदद से भारतीय सेना पूरे वर्ष आसानी से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों एवं हथियारों की तैनाती कर सकेगी. इसके अलावा यह टनल चीन के सीमावर्ती इलाके से अरुणाचल प्रदेश और देश के बाकी हिस्से को पूरे वर्ष जोड़े रखेगी. इस सुरंग का शिलान्यास 1 अप्रैल, 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था. चीन ने पैंगांग झील के उत्तरी हिस्से में अपनी सेनाएं तैनात कर रखी हैं. ऐसे में भारतीय सेना भी अपने नियंत्रण वाले ऊंचाइयों के स्थानों को छोडऩे के पक्ष में बिल्कुल नहीं है.चीन सीमा पर भयंकर सर्दी पडऩे के कारण मौसम खराब रहता है इसके बावजूद सेना ने वहां पर जमे रहने की अपनी पूरी तैयारी कर रखी है.
सेना के आधुनिकीकरण के तमाम उपायों को तेजी से मूर्त रूप दिया जा रहा है.इस वर्ष में भारतीय सेना हल्की बुलेटप्रूफ जैकेट से लैस हो जाएगी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दुनिया की पहली बीआईएस लेबल 5 एवं बीआईएस लेबल 6 की सबसे हल्की एवं मजबूत मेड इन इंडिया अभेद्य दो तरह की बुलेटप्रूफ जैकेट बनाने में सफलता हासिल कर ली है. फिलहाल भारतीय सेना के जवान बीआईएस लेबल 5 की 10 किलोग्राम वजन वाली विदेशी जैकेटों का प्रयोग करते हैं.सीमा पर बेहतर निगरानी के लिए थल सेना के सभी कमांड केन्द्र व अन्य सेनाओं से तालमेल बनाए रखने हेतु जल्द ही नया सेटेलाइट बनाया जाएगा. इसका निर्माण इसरो द्वारा किया जाना है.यह एक एडवांस्ड कम्यूनिकेशन सेटेलाइट होगा जो सेना के हर मिशन की सटीक जानकारी देगा और खुफिया संचार में भी मदद करेगा. यह एक प्रकार का जियोस्टेशनरी उपग्रह होगा, जिससे रियल टाइम इमेजरी हो सकेगी तथा इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस के जरिए सर्विलांस करना आसान होगा.वहीं किसी भी स्थिति में निपटने के लिए भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर की उत्तरी व पश्चिम सीमा पर स्वदेश निर्मित हाईटेक ड्रोन की तैनाती कर रखी है.चीन सीमा पर सैन्य ऑपरेशन के दौरान गोला-बारूद की आपूर्ति, मशीनगनों और राइफलों के मेंटिनेंस पर भी सेना सजग है.
लद्दाख क्षेत्र में सीमा पर टैंक व सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की तैनाती कर दी गई है. सेना की आपूर्ति व्यवस्था में कोई परेशानी न आए, इसके लिए सीमा पर बिछाई गई सडक़ों के जाल ने स्थिति को बेहतर बना दिया है. जाहिर है भारत चीन से कूटनीतिक और सामरिक दोनों स्तरों पर निपटने में सक्षम है.