हाल ही में एक रिपोर्ट से पता चला है कि देशभर में जो बच्चे गायब हो रहे हैं उनका कारण चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और यौन शोषण है. इन बच्चों से भीख तो मंगवाई ही जाती है, इनका यौन शोषण किया जाता है. इस तरह का घृणित बाजार इन दिनों दुनिया भर […]
Editorial
देश में बढ़ते सडक़ हादसे बेहद चिंताजनक है. इन हादसों से जनहानि तो होती ही है देश को आर्थिक नुकसान भी होता है. अनेक संभावनाशील युवाओं की असामायिक मृत्यु इन हादसों में होती है. युवाओं का इस तरह से अचानक चले जाना देश के लिए नुकसानकारी है. हाल ही में […]
यह ठीक है कि भारत अभी युवा देश है. हमारे देश की 65 फ़ीसदी आबादी 18 से 35 वर्ष की उम्र की है, लेकिन यह स्थिति हमेशा नहीं रहने वाली. 10 वर्षों बाद स्थिति बदलेगी. इसलिए हमारे देश को वरिष्ठ नागरिकों की चिंता अभी से करने की आवश्यकता है. इस […]
हाल ही में दो सडक़ दुर्घटनाओं की चर्चा है. पुणे हिट एंड रन केस में एक युवा दंपति की दुखद मृत्यु हो गई. जबकि उत्तर प्रदेश केसरगंज के भाजपा के प्रत्याशी करण बृजभूषण सिंह की कार से टकराकर दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए. इन दोनों दुर्घटनाओं की […]
देश ही नहीं विश्व में हीटवेव और उसकी अवधि अब संकट का नया कारण बनती जा रही है. आस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में सामने आया है कि भारत के साथ ही चीन और रुस में हीटवेव के कारण सर्वाधिक मौत हो रही है.बात भले ही अजीब लगे […]
इस बार गर्मी में म‘छरों की बहुत समस्या सामने आ रही है. इस समस्या के कारण जनता परेशान है. खासतौर पर म‘छरों के कारण होने वाली बीमारियों में अत्यधिक इजाफा हुआ है. इस संबंध में शासन और प्रशासन को त्वरित उपाय करने की आवश्यकता है.दरअसल, भारत, दुनिया के उन 15 […]
मौजूदा दौर की राजनीति में रेवड़ी संस्कृति बढ़ती जा रही है. अर्थव्यवस्था की दृष्टि से ये रेवड़ी संस्कृति (या अप संस्कृति) हमारे देश को भारी पडऩे वाली है! देश के अर्थशास्त्री और समाजशास्त्री इस पर लंबे समय से चिंता जाता रहे हैं. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी रेवड़ी […]
क्या हमारा देश कर्ज की जाल में फंस रहा है.यह देश के नीति निर्धारकों के लिए गंभीर प्रश्न है. चिंता यह है कि देश में घरेलू कर्ज़़ की बढ़ोतरी रुक नहीं रही है. कर्ज के ये आंकड़े ज़्यादा पुराने नहीं हैं,दिसंबर 2023 में घरेलू कर्ज अपने सर्वाधिक स्तर पर पहुंच […]
कितनी दुखद स्थिति है कि जिस भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) की गणना देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में होती है.कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद छात्रों को इन संस्थानों में प्रवेश मिलता है, जहां पढ़ाई एवं प्रशिक्षण का स्तर बहुत कठिन होता है. इसके बावजूद इस वर्ष वहां […]
वह दौर गया जब राजनीति देश सेवा या समाज सेवा के लिए होती थी. स्वाधीनता संग्राम का समूचा दौर इसी तरह की राजनीति का था. मोहनदास करमचंद गांधी का महात्मा गांधी में रूपांतरण इसी तरह की राजनीति के कारण हुआ लेकिन मौजूदा दौर में लगता है राजनीति केवल सत्ता के […]