भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में नया आदिवासी नेतृत्व तैयार कर रही है. मोदी मंत्रिमंडल में इसकी झलक भी नजर आई. बैतूल से सांसद दुर्गादास उइके और धार से सांसद सावित्री ठाकुर को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. दोनों पहली बार मंत्री बनाए गए हैं.अभी तक मोदी मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश के आदिवासियों का प्रतिनिधित्व फग्गन सिंह कुलस्ते करते थे. वह मंडला संसदीय क्षेत्र से चुनाव तो जीत गए पर उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया. दरअसल, पार्टी ने उन्हें भरपूर अवसर दिया पर वह आदिवासी वर्ग में अपनी पकड़ सिद्ध नहीं कर पाए.
नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में मंडला जिले की निवास सीट से वह पराजित हो गए थे.कांग्रेस के परंपरागत वोटर रहे आदिवासियों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी लगातार काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश आकर बिरसा मुंडा की जयंती देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की तो जनजातीय नायकों की स्मृति को संजोकर रखने के लिए कदम उठाए जो हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति स्टेशन किया.
शिवराज सरकार ने पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम के अंतर्गत नियम बनाकर पूरे प्रदेश में लागू किए. इसका लाभ विधानसभा चुनाव में मिला. 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भाजपा को जो नुकसान हुआ था, उसकी पूर्ति 2023 के चुनाव में की गई. आदिवासियों के लिए सुरक्षित 47 सीटों में भी भाजपा ने 24, कांग्रेस ने 22 और एक भारत आदिवासी पार्टी ने जीती.