इंदौर : केंद्रीय मंत्रिमंडल में पुनः सहकारिता मंत्रालय का प्रभार मिलने के साथ ही अब मंत्री अमित शाह का फोकस प्रमुख सहकारी लक्ष्यों पर होगा .
सरकार में पुनः सहकारिता मंत्रालय का दायित्व मिलने के साथ केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के लक्ष्यों में नवंबर में नई दिल्ली में आयोजित विश्व सहकारी कांग्रेस में भारतीय सहकारी क्षेत्र की उपलब्धियों का प्रदर्शन, सहकारी नीति और सहकारी विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय सहकारी बैंक स्थापना की घोषणा हो सकते हैं। साथ ही सहकारिता मंत्रालय द्वारा प्रवर्तित 54 पहलों (इनिशिएटिव्स) की प्रगति तेज करने के लिए निर्देशन और पर्यवेक्षण भी।
इस वर्ष नवंबर में नई दिल्ली में
विश्व सहकारी कांग्रेस होगी. इंटरनेशनल कॉपरेटिव अलाइंस की स्थापना के 130 सालों के इतिहास में पहली बार भारत में यह आयोजन होगा. भारत इसका संस्थापक सदस्य है. कांग्रेस की मेजबानी भारतीय सहकारिता के विश्व गौरव का दर्जा प्राप्त इफको करेगी. किंतु भारसाधक सहकारिता मंत्रालय के प्रभारी होने के नाते मंत्री अमित शाह का ध्यान इस वैश्विक आयोजन में भारतीय सहकारिता आंदोलन के बढ़ते कदमों पर विश्व सहकारिता का ध्यानाकर्षण भी होगा . भारत में विश्व की सबसे बडी अनाज भंडारण योजना का श्री गणेश सहकारिता मंत्रालय की अगुआई में बीते वर्ष किया गया. 7 मंत्रालयों की योजनाओं के तालमेल से यह एकीकृत योजना चरणबद्ध और विकेंद्रीकृत रूप में देश में क्रियान्वित हो रही है. भूख और कुपोषण मुक्त विश्व निर्माण की इस योजना पर अनेक देशों की निगाहें हैं .
साथ ही विश्व की सबसे बड़ी पैक्स कंप्यूटरीकरण और सहकारी प्रशिक्षण योजना पर क्रियान्वयन भी भारतीय सहकारिता मंत्रालय की उपलब्धियों में शामिल है . वैश्विक सहकारीजन इन योजनाओं में दिलचस्पी रखते हैं. भारतीय सहकारी आंदोलन व्यापक और विविधिकृत हैं. इसके विस्तार के लिए विशेषीकृत सहकारी विश्वविद्यालय समय की मांग है. पिछले कार्यकाल में इस पर काफी कार्य किया जा चुका है. अमित भाई शाह की यह महत्वाकांक्षी योजना शीघ्र जमीन पर उतरे, इस पर इनका ध्यान रहेगा. लगभग 22 वर्ष पहले राष्ट्रीय सहकारी नीति घोषित की गई थी .अमित शाह के पिछले कार्यकाल में इस पर काफ़ी कार्य हो चुका है. पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में अनेक बैठकें हो चुकी हैं. अब उसकी घोषणा शीघ्र हो, इस पर सहकारिता मंत्री का ध्यान रहेगा.