नागरिक आपूर्ति विभाग से मंडी समिति को नहीं मिल रही है मंडी शुल्क की राशि

नवभारत न्यूज

रीवा/चाकघाट, 11 जून, कृषि उपज मंडी समिति के क्षेत्र में कृषकों से जो कृषि उपज की खरीद की जाती है उस पर मिलने वाला मंडी टैक्स जो नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा मंडी समिति को मिलना चाहिए वह विगत कई वर्षों से नहीं मिल रहा है. मंडी समिति में आने वाली जिस राशि से अनेक विकास के कार्य होते हैं वह कार्य प्रभावित हो रहा है. मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा गेहूं, धान एवं अन्य फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदारी की जाता है. मंडी समिति क्षेत्र में खरीदे गए अनाज पर जो टैक्स मंडी समिति को मिलना चाहिए वह नागरिक आपूर्ति विभाग नहीं दे रहा है. पता चला है कि जब कोई खरीदार कृषि उपज को खरीदना है तो उसे शासन द्वारा एक निश्चित दर से मंडी टैक्स देना पड़ता है. किंतु विगत 5 वर्षों से नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा विभिन्न सहकारी समितियों के माध्यम से किसानो से धान एवं गेहूं की उपज की खरीदी की जा रहा है. खरीदे गए अनाज दर पर उसे निर्धारित मंडी शुरू देना चाहिए. मंडी शुल्क से प्रदेश में कई विकास कार्य संपादित होते हैं एवं कर्मचारियों का वेतन एवं मंडी से संबंधित अन्य कार्य किए जाते हैं ,किंतु इधर कई वर्षों से विपणन सहकारी समिति एवं नागरिक आपूर्ति विभाग किसानों की उपज तो खरीदती है किंतु उस पर मंडी शुल्क नहीं दे रही है. सूत्रों को माने तो वर्ष 2018 से यह शुल्क मंडी समिति को नहीं प्राप्त हुई है. जिसकी राशि लगभग 12 करोड़ होती है और यह राशि नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा मंडी समिति को नहीं दी जा रही है. शासन क एवं वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह है की मंडी समिति को मिलने वाली मंडी शुल्क की राशि नागरिक आपूर्ति विभाग एवं विपणन विभाग द्वारा शीघ्र मंडी समिति को दिलाया जाए.

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